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बिहार चुनाव पर 'ऑपरेशन सिंदूर' का होगा असर? क्या बीजेपी को मिल सकता है फायदा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की धरती से ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने की बात कही थी. अब ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने पहलगाम का बदला ले लिया है. ऐसे में अब यह चर्चा भी छिड़ गई है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर का बिहार चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा?

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बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोग मारे गए थे. भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला ले लिया है. सेना 6 और 7 मई की मध्यरात्रि के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च कर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. भारत की इस सैन्य कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अहर मसूद के परिवार के 10 सदस्यों समेत 90 से अधिक आतंकी मारे गए हैं. सेना की इस कार्रवाई के बाद बिहार के सियासी हलकों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या इसका फायदा बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मिल सकता है?

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद सत्तापक्ष हो या विपक्ष, दोनों में से किसी भी गठबंधन में शामिल किसी भी दल ने इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया है. बिहार चुनाव से भी जोड़ने जैसा भी कोई बयान नहीं आया है, लेकिन चुनावी माहौल में चुनावी फायदे का सवाल सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है. खासकर तब, जब 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की धरती से ही बदले का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने मधुबनी के विदेश्वर स्थान रैली के मंच से कहा था कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों, उनके आकाओं को ऐसी सजा मिलेगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी. ऑपरेशन सिंदूर इसी का जीवंत उदाहरण है.

जब प्रधानमंत्री ने बिहार में पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने की बात कही थी तो इसको लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज भी कसा था. विपक्षी दलों की ओर से यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री को पहलगाम जाने की फुर्सत नहीं मिली, लेकिन वह बिहार में जनसभा करने पहुंच गए. विपक्ष की तरफ से संकेत बिल्कुल साफ था कि बिहार में चुनाव होने हैं, इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की धरती से ही पहलगाम का बदला लेने की बात कही. क्या ऑपरेशन सिंदूर का बिहार चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा.

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डिप्टी सीएम ने पीएम मोदी को दिया श्रेय

बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय भारतीय सेना के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दिया है. सिन्हा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को मिट्टी में मिलने का जो संकल्प लिया था, उन्होंने उसे पूरा किया. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सेना, भारत सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को बधाई. बिहार सरकार के एक और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय भारतीय सेना को दिया है.

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सम्राट चौधरी ने कहा है कि देश की बहनों का सिंदूर बचाने का काम भारतीय सेना हमेशा से कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकाने को ध्वस्त किया गया है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों को बधाई. बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी भारतीय सेना को बधाई दी है.

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तेजस्वी यादव ने सेना को दी बधाई

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि भारतीय सेना ने कभी भी आतंकवाद और अलगाववाद को बर्दाश्त नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सेना ने हमेशा मां को कोख, बहनों की कलाई और सिंदूर की रक्षा की है. हम लोग सत्य और अहिंसा में विश्वास करते हैं. कभी किसी का नुकसान नहीं किया है, लेकिन हमारे साथ कोई गलत करेगा तो उसको आंख मिलाकर मुंहतोड़ जवाब देना हमें आता है. दोनों ही तरफ से नेता जिस तरह संतुलित प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उससे साफ है कि हर कोई ऐसा कुछ भी बोलने से बच रहा है जिसका कोई गलत संदेश जाए.

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गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक की थी. तब विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर सवाल उठाते हुए इसके सबूत मांग लिए थे. जिस तरीके से तब सैन्य कार्रवाई पर सवाल खड़े किए गए थे, वैसा कुछ इस बार नजर नहीं आ रहा है. बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हुए आम चुनाव में बीजेपी को 2014 से भी बड़ी जीत मिली थी. 2014 में 282 सीटें जीतने वाली बीजेपी को तब 303 सीटों पर जीत मिली थी, तो इसके पीछे बालाकोट एयरस्ट्राइक का बड़ा रोल माना जाता है. उसे देखते हुए कोई भी पार्टी सैन्य कार्रवाई के खिलाफ नजर आना नहीं चाहती, जिससे उसे चुनावी नुकसान उठाने का खतरा उत्पन्न हो.

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