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'दिल्ली में मकान नंबर 0 के नाम पर बने 144 वोट...', BJP ने केजरीवाल पर लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि दिल्ली में मकान संख्या 0 पर एक 144 वोट बने हैं. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल धोखेबाज हैं, जिन्हें धोखा करने में भी शर्म नहीं आती. इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और मेरे पास जो बाकी डॉक्यूमेंट हैं, वह मैं केजरीवाल के घर भेज दूंगा.

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Delhi BJP chief Virendra Sachdeva and AAP chief Arvind Kejriwal. (फाइल फोटो)
Delhi BJP chief Virendra Sachdeva and AAP chief Arvind Kejriwal. (फाइल फोटो)

दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने दांव-पेच लगाना शुरू कर दिया है. अब दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि दिल्ली में मकान संख्या 0 पर एक 144 वोट बने हैं. 

उन्होंने कहा कि दिल्ली वोट बनाने का काम पूरे साल चलता है. पिछले 5 दिन से अरविंद बाबू की बौखलाहट दिख रही है, जिससे सीधा पता चलता है कि उनकी चोरी पकड़ी गई है. नई दिल्ली विधानसभा में पिछले दस सालों में कुछ किया नहीं. पहले ईवीएम के नाम पर रोना होता था और अब वोटर लिस्ट के नाम पर रो रहे हैं.

एक ही एड्रेस पर बने 144 वोट

बीजेपी नेता ने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल धोखेबाज हैं, जिन्हें धोखा करने में भी शर्म नहीं आती. मकान संख्या 0 के नाम पर 144 वोट बने हैं. दिल्ली भाजपा फर्जी वोट के पूरी तरह से खिलाफ और हम फर्जी वोट नहीं होने देंगे. हमने कहा है कि इनकी जांच कराए और मेरे पास जो बाकी डॉक्यूमेंट हैं, वह मैं केजरीवाल के घर भेज दूंगा. इस पूरे मामले में हमें केजरीवाल के जवाब का इंतजार रहेगा. 

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'बॉर्डर इलाके में कैसे बढ़े वोट'

उन्होंने दावा किया कि जो इलाके बॉर्डर के पास पड़ते हैं, वहां कैसे वोट बढ़ाने का एक साज़िश चल रही है. टोटल 1 लाख 83 हजार वोट बढ़ाने के लिए आवेदन दिए गए हैं.

इससे पहले उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वोटर पंजीकरण के मामलों को उजागर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के तहत एक ही पते पर दर्जनों वोटरों को पंजीकृत किया गया, खासकर मुस्लिम समुदाय के वोटरों को हिंदू-बहुल इलाकों में जोड़ा गया है.

उन्होंने शाहीन बाग में दर्ज एफआईआर का हवाला देते हुए बताया कि इसमें आधार कार्ड और बिजली बिल जैसे दस्तावेजों को छेड़छाड़ करके वोटर पंजीकरण में इस्तेमाल करने के मामले सामने आए हैं.

सचदेवा ने कहा कि वोटर लिस्ट में अचानक हुई बढ़ोतरी का यह ट्रेंड नया नहीं है. उन्होंने 2015 में 14 लाख और 2019 में 9 लाख नए वोटरों के जुड़ने का उदाहरण देते हुए इसे चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए आप द्वारा जानबूझकर किया गया प्रयास बताया.

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