आज एक ऐसे शख्स की कहानी बता रहे हैं, जो रहते विदेश में हैं, लेकिन उन्होंने भारत में शिक्षा के लिए काफी काम किया है और कई स्कूलें खोलकर हर गरीब शख्स को किताबों की दुनिया से रूबरू करवाया है. इस शख्स का नाम है विनोद गुप्ता, जो अमेरिकी उद्योगपति हैं, लेकिन उन्होंने सहारनपुर स्थित अपने गांव में स्कूल बनवा रहे हैं.
योर स्टोरी के अनुसार, लगभग 22,000 की आबादी वाले कस्बे में हिलेरी रोडम क्लिंटन नर्सिंग स्कूल चलता है जिसका उद्घाटन हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन ने किया था. विनोद गुप्ता अपने ही नाम से एक चैरिटेबल फाउंडेशन चलाते हैं और उनका मकसद अपने गांव के बच्चों को शिक्षित बनाना है. विनोद अमेरिका में बिग डेटा और मार्केटिंग सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी इन्फोग्रुप के संस्थापक और पूर्व सीईओ विनोद ने अपने समाज सेवा से जुड़े कामों के लिए लगभग 50 करोड़ डॉलर रुपये दान किए हैं.
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खास बात ये है कि विनोद एक छोटे से कस्बे से हुई थी और उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की. अपनी पढ़ाई के बाद वे 1967 अमेरिका चले गए और उन्होंने यूनिवर्सिटी ञफ नेबार्स्का से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एंड बिजनेस में मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्हें कमॉडोर कॉर्पोरेशन में मार्केटिंग रिसर्च एनालिस्ट के पद पर नौकरी मिल गई.
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1997 में उन्होंने अपने गांव के लिए एक शिक्षण संस्थान बनवाने से सामाजिक कार्यों की शुरुआत की थी. उन्होंने गांव लौटकर विनोद गुप्ता चैरिटेबल फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ बनाया जिसका मकसद ग्रामीण लड़कियों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना था. उसके बाद से वो लगातार शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इन संस्थानों में हजारों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.