प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने वाराणसी दौरे पर IIT BHU में 833 टेराफ्लॉप सुपर कंप्यूटर ‘परम शिवाय’ का लोकार्पण किया. इसके साथ ही भारत डिजिटल क्षेत्र में और मजबूत हो रहा है. बता दें, ये कंप्यूटर पूरी तरह से भारत ने बनाया है. वहीं इस कंप्यूटर के आने से 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' आज एक नए मुकाम पर पहुंच गई हैं. आइए जानते हैं क्या है इस कंप्यूटर की खासयित...
IIT-BHU के में इंजीनियरिंग कॉलेजों में वैज्ञानिक, शिक्षक और शोध छात्र, सरकारी अनुसंधान प्रयोगशालाओं में इस कंप्यूटर का लाभ उठाया जा सकता है. इस सुपर कंप्यूटर के जरिए आम आदमी की समस्याओं का निवारण किया जाएगा जिसमें सिंचाई योजनाओं, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य, एक सस्ती दवा जैसे सामाजिक मुद्दे आदि शामिल है.
वहीं नवोदय विद्यालय के 40 प्रतिशत कंप्यूटर शक्ति का उपयोग करेंगे. वहीं आपको बता दे, इस कंप्यूटर के आने के जिस रिसर्ट को पूरा करने में महीनों तक का समय लगता था, उसे उस सुपर कंप्यूटर की मदद से मिनटों में किया जा सकता है. आपको बता दें, 1991 में '8000- परम' नाम से भारत का पहला सुपर कंप्यूटर लॉन्च किया गया था. वहीं टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 833 टेराफ्लॉप क्षमता का सुपर कंप्यूटर 32.5 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार किया गया है.