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डीयू की पढ़ाई, शुक्र है कि गाय हवा में नहीं उड़ती, वर्ना...

एक छोटी चिड़िया आसमान में उड़ रही है. उसने बीट कर दी. आपकी आंख में गिरी. आपको ज्यादा दर्द नहीं होता. आप रोते भी नहीं. बस भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं और बोलते हैं कि गनीमत है गाय आसमान में नहीं उड़ती.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी
दिल्ली यूनिवर्सिटी

एक छोटी चिड़िया आसमान में उड़ रही है. उसने बीट कर दी. आपकी आंख में गिरी. आपको ज्यादा दर्द नहीं होता. आप रोते भी नहीं. बस भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं और बोलते हैं कि गनीमत है गाय आसमान में नहीं उड़ती.

ये राइम करती कोई इंग्लिश पोएट्री नहीं है, बल्कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के चार साल से ग्रेजुएशन प्रोग्राम की कोर्स बुक का एक हिस्सा है. इस तरह की पंक्तियों के जरिए आशावाद और सकारात्मक सोच के बारे में सिखाया जाता है.

द हिंदू अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अजीबोगरीब सवालों और निष्कर्षों की ये लड़ी यहीं खत्म नहीं होती. सुनिए और क्या क्या सवाल हैं इस कोर्स बुक में
- क्या आपका निकनेम किसी विदेशी नाम जैसा लगता है. किसने दिया यह नाम. यह कैसे आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करता है.
- एक शहर में रहने के क्या नफा-नुकसान हैं. क्या आप किसी छोटे कस्बे या शहर में बड़े हुए हैं. नक्शे पर उस कस्बे की लोकेशन मार्क करिए.

कैसे बताएंगे आप इसके बारे में
इस कोर्स बुक के बारे में साउथ कैंपस स्थित श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज के एक इंग्लिश टीचर ने बताया कि ये पाठ टीचिंग का सबक सिखाने के लिए तैयार किए गए हैं. वहीं रामजस कॉलेज की एक टीचर ने बताया कि इन सवालों का जिक्र आते ही स्टूडेंट्स जोर जोर से हंसने लगे.

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