सरकार ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में चार साल के ऑनर्स डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने के पहले व्यापक रूप से विचार विमर्श किया गया था और इसे छात्रों और विश्वविद्यालय कोर्ट ने अपनी सहमति दी है.
मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू ने बलविन्दर सिंह भुंडर के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने मंत्रालय को सूचित किया है कि 2008 में एकैडमिक परिषद ने चार वर्षीय ऑनर्स डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए व्यापक विचार विमर्श करने का निश्चय किया था.
उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम लागू करने के प्रस्ताव को एकैडमिक परिषद ने बहुमत से अनुमोदित किया था. उन्होंने कहा कि पिछले साल 24 दिसंबर को एकैडमिक परिषद की हुयी बैठक में उपस्थित 86 सदस्यों में से छह ने आपत्ति दर्ज करायी थी.
राजू ने कहा कि मंत्रालय को यह भी सूचित किया गया है कि विश्वविद्यालय ने छात्रों, अभिभावकों, अध्यापकों, संकाय प्रमुखों, विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों और कर्मचारित सहित विभिन्न पक्षों के साथ दो साल तक गहन विचार विमर्श किया.
मंत्री ने कहा कि विचार विमर्श की प्रक्रिया में पिछले साल सितंबर में खुला एकैडमिक सम्मेलन आयोजित किया गया. इसके बाद 61 सदस्यीय एक कार्यबल का गठन किया गया.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कोर्ट ने इसी साल 22 मार्च को जुलाई 2013 से नया पाठ्यक्रम लागू करने के प्रस्ताव को बहुमत से मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ द्वारा मार्च में आयोजित छात्र संसद में भी इस प्रस्ताव पर विचार किया गया.
इस बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति अपनी टीम सहित उपस्थित हुए.विचार विमर्श के बाद छात्रों ने नए प्रस्ताव का समर्थन करने पर सहमति व्यक्त की.