बड़े से बड़ा बिजनेस पैसों से नहीं एक बड़े आइडिया से चलता है और एक अच्छे आइडिया से कोई भी बिजनेस क्षेत्र का दिग्गज बन सकते हैं. इस बात को साबित कर दिखाया है दो भाइयों निशांत पिट्टी और रिकांत पिट्टी ने. हवाई किराया बचाने के आइडिया से शुरू हुआ उनका बिजनेस आज करोड़ों का टर्न ओवर पार कर चुका है.
कैसे हुई बिजनेस की शुरुआत: निशांत पिट्टी और रिकांत पिट्टी के पिता को एक बिजनेसमैन होने के नाते काफी ट्रैवेल करना पड़ता था. ज्यादातर समय किसी ट्रैवेल एजेंट की मदद से ही टिकट बुक कराया जाता था. लेकिन एक दिन जब रिकांत ने यह देखा कि ट्रैवेल एजेंट हर टिकट पर 1000-1500 रुपया ज्यादा ले रहा है तो उन्हें नुकसान समझ में आने लगा.
2004 में ट्रैवेल एजेंट पर निर्भर रहने के बजाय उन्होंने खुद टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन शुरू कर दी. इसका पता जब रिश्तेदारों और दोस्तों को चला तो वे भी टिकट बुकिंग के लिए कहने लगे. एक दिन में उन्हें लगभग 10-15 टिकट बुक करना पड़ता था. इसके बाद उन्होंने सोचा कि कब तक नि:शुल्क टिकट बुक करते रहेंगे. अब हर टिकट पर कुछ पैसे उन्होंने चार्ज करने शुरू कर दिए. हर दिन उन्हें लगभग 600 रुपये की कमाई होने लगी.
मिल गया मौका
जब बहुत ज्यादा टिकट की बुकिंग एक ही आईपी एड्रेस से होने लगी तो एक कंपनी ने उन्हें नोटिस करना शुरू किया और ट्रैवल पार्टनर बनने का ऑफर भी दिया. कंपनी छह फीसदी प्रोत्साहन (इन्सेंटिव) राशि देने पर भी तैयार हो गई. कुछ परेशानियां पढ़ाई और उम्र के कारण आई लेकिन वे जल्द ही अच्छा करने लगे. 2008 में उन्होंने ईज माय ट्रिप डॉट कॉम लॉन्च किया. काम के बीच दोनों भाइयों ने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी.
मिलने लगी सफलता:
कंपनी की रफ्तार तेजी से बढ़ने लगी. दोनों भाइयों ने आपस में काम बांट लिया. निशांत ने एजेंट नेटवर्क्स बढ़ाने का काम लिया तो रिकांत ने ऑपरेशंस, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी की जिम्मेदारी ले ली. पहले ही साल में कंपनी ने 33 करोड़ का टर्न ओवर हासिल कर लिया. 2010 तक कंपनी ने 100 टर्नओवर को पार कर लिया था. देखते ही देखते 2014-2015 में ईज माय ट्रिप की बिक्री 1300 करोड़ पर पहुंच गई है.