ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो कोरोना संक्रमण के शिकार हैं. उनकी चौथी बार जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. कभी कोरोना संक्रमण मामले में उनकी खूब निंदा हुई. सोशल डिसटेंसिंग से लेकर लॉकडाउन का विरोध करने वाले राष्ट्रपति बोलसानारो की छवि को इससे एक और झटका लगा है. पहले भी वो कई कारणों से चर्चा में रहे हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में सबकुछ.
जेयर बोलसोनारो ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया है कि मैं ठीक हूं, नॉर्मल हूं. मैं टहलना तक चाहता हूं, लेकिन
मेडिकल सलाह की वजह से जा नहीं सकता. इससे पहले उन्होंने बताया था कि उनका
टेस्ट हुआ है और एक्स-रे में उनके फेफड़े सही पाए गए हैं. मार्च में
फ्लोरिडा में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के बाद वह 3
बार टेस्ट में निगेटिव पाए गए थे.
ब्राजील के 38वें राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो Republic Day 2020 पर भारत के खास मेहमान बनकर आए थे. वो अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं.
जेयर का जन्म 21 March 1955 को ब्राजील के छोटे से शहर साओ पाउलो में हुआ था. उनके पेरेंट्स उनका नाम मेसियस रखना चाहते थे जिसका अर्थ मसीहा होता है, लेकिन बाद में उनका नाम जाने माने ब्राजीली फुटबॉलर जेयर के नाम पर रखा गया.
अपनी पढ़ाई पूरी करके जेयर ने ब्राजीली सेना ज्वाइन कर ली. सबसे पहले वो सेना के अफसरों की कम सैलरी पर लेख लिखकर विवादों में आ गए. उन्हें इसके लिए 15 दिन की हिरासत में रहना पड़ा. बाद में उनपर मिलिट्री यूनिट्स में बम प्लांट करने का भी आरोप लगा. 1988 में ब्राजील की सुप्रीम मिलिट्री कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया. फिर सेना में 15 साल रहकर वो कैप्टन के रैंक से रिटायर हुए.
साल 2015 में ब्राजील के एक अखबार जीरो होरा के साथ एक इंटरव्यू में बोल्सनारो ने तर्क दिया कि पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं. उन्होंने आगे ये भी कहा कि उन्हें मेटरनिटी लीव मिलती है इससे उत्पादकता पर असर पड़ता है. अपने तर्क को स्थापित करने के लिए उन्होंने आंकड़े भी दिए.
बता दें कि दुनिया में अमेरिका के बाद कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश
ब्राजील है. यहां पर 16,23,284 कंफर्म केस हैं. जबकि 65,487 लोगों की मौत
हो चुकी है. बोलसोनारो ने संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन का विरोध किया.
उन्हें आर्थिक
संकट और देश की अर्थव्यवस्था की ज्यादा चिंता थी. यहां तक कि सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया. इसके लिए देश की अदालत तक उन्हें फटकार
लगा चुकी है. जज ने कहा था कि देश के राष्ट्रपति के लिए पब्लिक के बीच में
मास्क पहनना अनिवार्य है और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके ऊपर जुर्माना
लगाया जा सकता है.
महिला और समलैगिकता विरोधी होने का आरोप भी
वह फेडरल डिप्टी और पूर्व ह्यूमन राइट मिनिस्टर मारिया डो रोजारियो के साथ बहस से भी चर्चा में आए थे. एक बहस के दौरान बोल्सनारो ने कहा कि अगर नाबालिग हत्या या बलात्कार जैसे जघन्य अपराध करते हैं तो उन्हें वयस्क के रूप में माना जाना चाहिए. इस पर मारिया रोसेरियो ने जवाब में उन्हें रेपिस्ट कहा.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जेयर ने कहा कि लेकिन वो (मारिया) इतनी भद्दी हैं कि रेप के लायक नहीं है. उनके इस बयान को लेकर पूरे ब्राजील में उग्र प्रदर्शन और कड़ा विरोध हुआ था. इसके लिए उन्हें कोर्ट से सजा मिली और अंत में जुर्माना चुकाना पड़ा. इसके अलावा वो समलैंगिकों को लेकर दिए बयानों को लेकर भी विवादों में रहे हैं. जेयर समलैंगिक विवाह के भी खिलाफ रहे हैं. एक बयान में उन्होंने कहा था कि अगर मेरा बेटा गे होता तो मैं उससे प्यार नहीं कर पाता.