फिल्म पद्मावती को लेकर बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, अब राज्य सरकारें भी इसका विरोध करते हुए इसकी रिलीज पर रोक लगा रही है. कहा जा रहा है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और चित्तौड़ की रानी पद्ममिनी के बीच गलत रिश्ते दिखाए गए हैं. बताया जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी रानी पद्मिनी पर मोहित था और उसे एक जादूगर की वजह से पद्मिनी के बारे में पता चला. आइए जानते हैं कौन है ये जादूगर और इसकी क्या कहानी बताई जाती है...
पुरानी कहानियों के अनुसार, चितौड़ के राजा रतन सिंह के राज के समय उनके दरबार में कई प्रतिभाशाली लोग थे. रतन सिंह एक अच्छे शासक और पति होने के साथ ही कला के संरक्षक भी थे.
उस दौरान उनके दरबार में एक संगीतकार भी था, जिसका नाम राघव चेतन था. बताया जाता है कि राघव चेतन एक जादूगर भी था और इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता था. राघव दुश्मन को मारने और आत्मा बुलाने के लिए इसका इस्तेमाल करता था.
एक बार राघव चेतन के आत्मा बुलाने के बारे में रतन सिंह को पता चला और उन्होंने राघव को राज्य से निर्वासित कर दिया. राजा के इस आदेश की वजह से राजा का साथी राघव अब उनका दुश्मन बन गया था.
उसके बाद वो दिल्ली के सुल्तान अलाउदीन खिलजी को चितौड़ पर आक्रमण के लिए उकसाने का लक्ष्य लेकर दिल्ली चला गया.
वहां राघव ने जंगल में बांसुरी बजाकर खिलजी का खुश किया और दरबार में प्रवेश किया, जहां उसने रानी पद्मिनी की सुंदरता के बारे में बताया. उसके बाद खिलजी रानी को चाहने लगा और रानी को पाने की चाह में उसने चितौड़ पर हमला करने की योजना बनाई.
उसके बाद ही खिलजी ने चितौड़ पर हमला किया और रानी को देखने की इच्छा व्यक्त की. रानी पद्मिनी को देखने के लिए उसने कई उपाय किए और बाद में रतन सिंह को अगवा भी किया और चितौड़ पर हमला किया.
कई कहानियों में इस बात का जिक्र भी है कि खिलजी ने पद्मिनी को बहन बनकर मिलने के लिए भी रतन सिंह को पत्र लिखा था. जिसके बाद रतन सिंह कई सैनिकों की जान की परवाह करते हुए इसके लिए सहमत हो गए थे.
हालांकि कई इतिहासकारों को कहना है कि खिलजी ने सिर्फ पद्मिनी के लिए ही नहीं, बल्कि कूटनीति के चलते भी चितौड़ पर हमला किया था. इस हमले में रतन सिंह हार गए थे और रानी पद्मिनी ने हजारों रानियों के साथ जौहर कर लिया था.