
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 8 जुलाई से छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी हुआ था. लेकिन इसके विरोध में शिक्षकों के तमाम संगठन खड़े हैं. लेकिन अभी तक यह फैसला वापस नहीं लिया गया है.
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों और शिक्षा विभाग के बीच टकराव अभी भी बना हुआ है. इसके विरोध में प्रदेशभर में शिक्षक सड़कों पर उतरे हैं. इस नए आदेश के लागू होने के पहले ही दिन यानी आठ जुलाई को सिर्फ दो फीसदी शिक्षकों ने ही डिजिटल अटेंडेंस लगाई थी.
इस बीच उन्नाव और बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने ऐसे शिक्षकों का वेतन या मानदेय रोकने की सिफारिश की है जबकि लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की बात की है. ऐसे में शिक्षकों के विरोध को देखते हुए कल सभी खंड शिक्षा अधिकारी (block Education officer) और शिक्षा समन्वयक (coordinators) की बैठक बुलाई गई है. विभाग इसके बाद आगे की स्थिति पर फैसला लेगा.

इस नियम के लागू होने के तीसरे दिन भी परिषदीय विद्यालय में अध्यापकों ने डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार किया और पूरे उत्तर प्रदेश में न के बराबर अध्यापकों ने डिजिटल अटेंडेंस लगाई.आज तक की टीम ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में परिषदीय स्कूल में जाकर इसका रियलिटी चेक किया और अध्यापकों द्वारा डिजिटल अटेंडेंसी विरोध के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की.
चंदौली: पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के परिषदीय विद्यालयों में काली पट्टी बांधकर अध्यापक पढ़ा रहे हैं. चंदौली जनपद में कुल 1186 परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें कुल 6986 अध्यापक हैं. चंदौली के नियमताबाद प्राथमिक विद्यालय में किसी भी अध्यापक ने डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगाई है. यही हाल प्राथमिक विद्यालय गंज बसनी का भी था. नियमताबाद प्राथमिक विद्यालय के प्रधान अध्यापक विनोद सिंह ने बताया कि आज लगातार तीसरे दिन भी शिक्षक संघ डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहा है.
उन्होंने बताया कि हम लोग डिजिटल अटेंडेंस देने के लिए मना नहीं कर रहे हैं लेकिन हमारी मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाए. बरसात के मौसम में हम शिक्षक भीगते हुए आएंगे और पांच-दस मिनट लेट होने पर एब्सेंट हो जाएंगे. हमें ड्यूटी करना है और हम ड्यूटी करने के लिए आ रहे हैं लेकिन उसके साथ-साथ हमारी कुछ समस्याएं हैं. 14 सीएल से कुछ नहीं होने वाला है हमें हाफ सीएल भी दिया जाए.
मेरठ: यहां भी ना के बराबर ही शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं. 5000 से ज्यादा टीचर्स मेरठ में है लेकिन मात्र 167 टीचर ने हो ऑनलाइन हाजिरी लगाई है. मेरठ की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने बताया कि मेरठ में 1068 परिषद के विद्यालय हैं. जिसमें लगभग 5300 के आसपास टीचर्स हैं.जहां तक अभी ऑनलाइन हाजिरी की बात है वह भी बहुत कम है
देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा डिजिटल अटेंडेंस लगाने को लेकर तीसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा. इसको लेकर हम बैतालपुर ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय अवरा चौरी पहुंचे तो यहां की प्रिंसिपल व जूनियर संघ की जिला अध्यक्ष हेमा त्रिपाठी ने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस कदापि नही लगाया जाएगा. प्रदेश के सभी शिक्षक संघ एक साथ एक मंच पर है. सरकार उनके साथ सौतेला वयवहार क्यो कर रही है. उनके ऊपर ही तलवार लटक रही है. उनकी मांगों को पहले माना जाए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए पूर्ण रूप से गुरु ही रहने दिया जाए.
इस पूरे मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि जो डिजिटल हाजिरी है. उनके पास केवल 8 जुलाई का अपडेट आया जिसमें एक परसेंट शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस लगाया है.अभी 9 व 10 जुलाई का नहीं आया है. उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया का जो स्टेप है बहुत बढ़िया है.इसमें किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी और विभाग पूरी तरीके से सहयोग करने के लिए तैयार है और इसको लेकर ब्लॉक पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.ताकि सिम और टैबलेट ऑपरेट करने में कोई असुविधा न हो.उनकी बात है तो उनकी बात को सुनी जाएगी. विभाग उन पर कोई तत्काल कार्रवाई नहीं करेगा.
मिर्जापुर: मिर्जापुर में भी शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर तीसरे दिन भी विरोध जारी है. वहीं, कुछ विद्यालय ऐसे है जहां अभी तक ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए टैबलेट ही नही पहुचा है. जिन विद्यालय में टैबलेट पहुचा है वह भी काम नही कर रहा है.मिर्ज़ापुर में बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन अटेंडेंस लागू करने को लेकर शिक्षक अभी भी विरोध जाता रहे है. जनपद मे कुल 1809 विद्यालय है. जहां पढ़ाने वाले 8441 शिक्षकों के लिए यह नियम लागू है. मगर शिक्षकों के विरोध के कारण अभी तक पूरी तरह से लागू नही हो पाया है.
कानपुर: कानपुर में भी डिजिटल हाजिरी को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लगातार विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. प्रदेश भर के लाखों शिक्षकों ने स्कूलों में अपनी डिजिटल हाजिरी नहीं लगाई और आम दिनों की तरह ही रजिस्टर पर ही हस्ताक्षर किया. शिक्षकों ने अपना विरोध जताते हुए अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर बच्चो को पढ़ाने का काम किया. डिजिटल हाजिरी के विरोध में शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक संगठन इस फैसले का पूर्ण रूप से विरोध करता है.इसलिए वह रजिस्टर पर ही हाजिरी दर्ज कराएंगे.
बिजनौर: बिजनौर में भी बेसिक स्कूलों में टीचर द्वारा डिजिटल उपस्थिति लगाने का विरोध लगातार किया जा रहा है.जबकि शिक्षक इसका विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए बच्चों को पढ़ा रहे हैं.बिजनौर में आज हमने प्राथमिक विद्यालय तिमरपुर के स्कूल का रियल्टी चेक किया.इस स्कूल के शिक्षकों द्वारा डिजिटल उपस्थिति का लगातार विरोध किया जा रहा है.
सहारनपुर: सहारनपुर में कुल 1438 बेसिक शिक्षा के स्कूल हैं.जिनमे 838 हैडमास्टर, 5017 सहायक अध्यापक, 1987 शिक्षा मित्र व 251 अनुदेशक कार्यरत हैं.पूरे ज़िले में कल सिर्फ़ 40 शिक्षकों ने ऑनलाइन हाज़िरी दी थी.
सहारनपुर के पुलिस लाइन स्थित प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा हाथ में काली पट्टी बरकार डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में हमने हाथों में काली पट्टी बांध रखी है और जब तक यह डिजिटल अटेंडेंस कैंसिल नहीं होती हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएगी. तब तक हम इसी तरह स्कूलों में हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध करते रहेंगे और ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं देंगे.
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर क्या कहते हैं शिक्षक?
शिक्षकों का कहना है कि डिजिटल अटेंडेंस का सरकार का यह आदेश अव्यावहारिक है. सरकार के इस आदेश के विरोध में यूपी के कई जिलों में अध्यापकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया. इसके साथ ही तमाम शिक्षक संगठनों से जुड़े अध्यापकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.
शिक्षकों का कहना है कि छुट्टी के वक्त की तय समयसीमा गलत है. इमरजेंसी की स्थिति में शिक्षक का समय पर पहुंचना मुश्किल है, कई बार ऐप लोकेशन भी गलत बता देता है. इसमें कई तरह की समस्याएं हैं.
शिक्षकों की मांग है कि आपात स्थिति में हाजिरी में ढील दी जाए. हाफ CL की व्यवस्था हो और ऐप 24 घंटा खुला रहे और चार दिन देरी पर एक कैज़ुअल लव काटी जाए.
क्या है डिजिटल अटेंडेंस?
शिक्षकों को ऑनलाइन हाजरी के लिए स्कूल खुलने से आधे घंटे या 15 मिनट पहले अपनी फोटो टेबलेट से लेकर प्रेरणा ऐप पर अपलोड करनी होगी. खास बात ये है कि यह ऐप तय समय के अंतराल पर एक्टिव रहेगा और वह भी स्कूल परिसर में होने पर ही अटेंडेंस के लिए इनेबल रहेगा. छुट्टी के समय भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी. हालांकि शिक्षकों के विरोध के बाद आधे घंटे का ग्रेस टाइम दिया गया है.