scorecardresearch
 

शशि थरूर ने लोकसभा में उठाया नॉन NET फेलोश‍िप का मुद्दा, की ये मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने गुरुवार को लोकसभा में सरकार से नॉन NET रिसर्चर्स का स्टाईपेंड बढ़ाने का आग्रह किया. उनका कहना है कि देश में अनुसंधान और विकास को बढ़ाने में इन शोधकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है.

Advertisement
X
शशि थरूर (फाइल फोटो)
शशि थरूर (फाइल फोटो)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने गुरुवार को लोकसभा में सरकार से नॉन NET रिसर्चर्स का स्टाईपेंड बढ़ाने का आग्रह किया. उनका कहना है कि देश में अनुसंधान और विकास को बढ़ाने में इन शोधकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है. तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने लोकसभा के शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि नॉन NET रिसर्चर्स की बड़ी ही दुर्दशा हो रही है. वो संसाधनों की कमी, पर्यवेक्षकों से अपर्याप्त समर्थन और शिकायत निवारण समितियां न होने की समस्या से जूझ रहे हैं. 

शशि थरूर ने उठाया स्टाइपेंड का मुद्दा

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें जल्द से जल्द इसका समाधान करना चाहिए और बिना देरी किए स्टाइपेंड का नियमित वितरण शुरू करना चाहिए. थरूर ने कहा कि मैं शिक्षा मंत्री और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष का ध्यान नॉन NET पीएचडी रिसर्चर्स को मिलने वाले स्टाइपेंड के संबंध में उनके साथ हो रही दुर्दशा की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं. इन लोगों को यूजीसी NET परीक्षा के माध्यम से छात्रवृत्ति नहीं मिलती है. हालांकि रिसर्चर्स को हर महिनें 8000 रुपये का स्टाइपेंड मिलता है. उन्हें साइंस विषय के लिए 10,000 रुपये प्रति माह और ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस के लिए 8000 रुपये प्रति वर्ष की आकस्मिक राशि मिलती है, जो साल 2006 से वैसे ही बना हुआ है.  

Advertisement

कांग्रेस नेता ने कहा कि आम तौर पर हर चार साल में संशोधन होता है तो उस तरह से उन्हें मिलने वाली फैलोशिप राशि में चार बार बढ़ोतरी होनी चाहिए थी. संशोधन में देरी होने और मुद्रास्फीति में वृद्धि होने के कारण शोधकर्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ा है. इसी बीच जदयू नेता महाबली सिंह ने सहारा समूह के उन निवेशकों के लिए न्याय का मुद्दा उठाया, जिन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हजारो लोगों ने आत्महत्या कर ली है क्योंकि उन्हें उनका निवेश किया हुआ पैसा वापस नहीं मिला और वो पैसे उन्होंने अपनी बेटियों की शादी और इलाज जैसी चीजों के लिए अलग रखे थे. लेकिन फिर भी सहारा समूह ने उनके पैसे वापस नहीं किए हैं. 

जदयू नेता ने की विधेयक लाने की मांग

जदयू नेता ने कहा कि ज्यादातर निवेशक उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. सरकार को इन लोगों के साथ न्याय करना चाहिए. वहीं लोकसभा के शून्यकाल में बोलते हुए रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एनके प्रेमचंद ने सरकार से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को न्यूनतम भत्ता, चिकित्सा लाभ और सेवानिवृति पर पेंशन मिलने का विधेयक लाने की मांग की है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement