scorecardresearch
 

पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, 11वीं क्लास में होगी Entrepreneurship की पढ़ाई, छात्रों को मिलेगा फायदा

पंजाब भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां 11वीं से उद्यमिता की पढ़ाई होगी.  इस फैसले से 2.68 लाख छात्रों को बिजनेस स्किल का लाभ मिलेगा. इसकी जानकारी  पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दी. 

Advertisement
X
पंजाब ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाया है. 2025-26 सेशन से राज्य के सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की 11वीं क्लास में उद्यमिता (Entrepreneurship) को मुख्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा. (Photo: AI Generated)
पंजाब ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाया है. 2025-26 सेशन से राज्य के सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की 11वीं क्लास में उद्यमिता (Entrepreneurship) को मुख्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा. (Photo: AI Generated)

पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब 2025-26 सेशन से राज्य के सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की 11वीं क्लास में उद्यमिता (Entrepreneurship) एक मुख्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा.इस फैसले से 2.68 लाख से ज़्यादा छात्र जुड़ेंगे. पंजाब ऐसा करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. यह घोषणा शुक्रवार को पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और पंजाब आप प्रभारी मनीष सिसोदिया ने की. यह नया विषय शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से कक्षा 11 के छात्रों को पढ़ाया जाएगा.

क्यों लाया गया ये विषय?
यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि बच्चों में नवाचार, क्रिएटिव सोच और बिज़नेस बनाने की आदत डाली जाएगी. छात्रों को सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनाने पर जोर रहेगा. नए पाठ्यक्रम में बच्चे टीम बनाकर बिजनेस आइडिया तैयार करेंगे, प्रोटोटाइप बनाएंगे, सीड फंडिंग जुटाने की कोशिश करेंगे और यहां तक कि प्रोडक्ट या सर्विस लॉन्च भी कर पाएंगे.

यह नया विषय शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से कक्षा 11 के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य खुद कुछ नया शुरू करने और आगे बढ़ने की सोच को बढ़ावा देना और छात्रों को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनने के लिए प्रोत्साहित करना है. मंत्री ने कहा कि यह नया विषय युवाओं को नई चीजें बनाने वाले, समस्याओं का हल निकालने वाले और समाज का नेतृत्व करने वाले बनने में मदद करेगा. 

Advertisement

अनुभव और प्रोजेक्ट पर आधारित होगा सिलेबस
यह नया पाठ्यक्रम अब सिर्फ लिखित परीक्षा पर नहीं होगा, बल्कि अनुभव और प्रोजेक्ट पर आधारित होगा. छात्र आपस में टीमें बनाएंगे, बिजनेस के आइडिया सोचेंगे, उसका मॉडल (प्रोटोटाइप) तैयार करेंगे, फंडिंग जुटाने की कोशिश करेंगे और चाहें तो अपना प्रोडक्ट या सर्विस भी शुरू कर सकेंगे.

मंत्री ने कहा कि अब लिखित परीक्षा की जगह स्कूल-आधारित मूल्यांकन होगा, जिससे बच्चों पर परीक्षा का बोझ नहीं पड़ेगा. इसमें छात्र खुद अपना मूल्यांकन करेंगे, साथी छात्र एक-दूसरे का मूल्यांकन करेंगे और शिक्षक या मेंटर भी मार्गदर्शन देंगे. हर साल इस विषय के लिए 18 पीरियड होंगे — जिनमें 3 थ्योरी और 15 प्रोजेक्ट वर्क के लिए होंगे. इस तरह बच्चों को बिना दबाव के मज़ेदार और उपयोगी पढ़ाई का मौका मिलेगा.

2.68 लाख से ज्यादा बच्चों को होगा फायदा
मंत्री बैंस ने कहा कि इस योजना का असर सिर्फ शिक्षा पर ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. पंजाब के 3,840 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 2.68 लाख से ज़्यादा बच्चे पढ़ते हैं. अगर इनमें से सिर्फ 10% बच्चे भी बिजनेस शुरू करने में सफल हो गए, तो उनकी गतिविधियों से हर साल करीब 300 से 400 करोड़ रुपये तक की आमदनी हो सकती है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement