What Is Indus Water Treaty: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए, जिनमें सबसे अहम था –सिंधु जल संधि को रोकने का निर्णय. इस फैसले के बाद एक बार फिर लोगों के बीच यह सवाल उठने लगा कि आखिर सिंधु जल संधि है क्या, और इसका भारत-पाकिस्तान के रिश्तों से क्या संबंध है? तो आइए आपको बताते हैं.
क्या है Indus Water Treaty
सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) की शुरुआत 19 सितंबर 1960 को हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग 9 साल की बातचीत के बाद यह ऐतिहासिक समझौता हुआ. इस समझौते में विश्व बैंक की मध्यस्थता रही और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में इस पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत सिंधु नदी प्रणाली की छह प्रमुख नदियों का बंटवारा तय किया गया.
समझौते के अनुसार, भारत को तीन पूर्वी नदियों ब्यास, रावी और सतलुज का पूरा नियंत्रण मिला, वहीं पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का अधिकार दिया गया. हालांकि ये तीनों पश्चिमी नदियां भारत से होकर पाकिस्तान पहुंचती हैं, लेकिन भारत को इनका सीमित उपयोग करने की ही अनुमति दी गई. भारत इन नदियों के पानी का उपयोग केवल घरेलू जरूरतों, सीमित सिंचाई, बिजली उत्पादन और नौवहन के लिए कर सकता है.

भारत को आवंटित 3 पूर्वी नदियां सतलज, ब्यास और रावी के कुल 168 मिलियन एकड़ फुट में से 33 मिलियन एकड़ फीट वार्षिक जल आवंटित किया गया है. भारत के उपयोग के बाद बचा हुआ पानी पाकिस्तान चला जाता है. जबकि पश्चिमी नदियां जैसे सिंधु, झेलम और चिनाब का लगभग 135 मिलियन एकड़ फीट वार्षिक जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया है.
इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु प्रणाली के लगभग 80% पानी पर अधिकार दिया गया, जबकि भारत को मात्र 20% पानी के उपयोग की छूट मिली. सिंधु नदी को पाकिस्तान की 'राष्ट्रीय नदी' भी कहा जाता है, क्योंकि यह वहां की खेती, पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान में कई जलविद्युत परियोजनाएं इसी नदी पर आधारित हैं. संधि के अनुसार भारत पर इन नदियों के पानी को लेकर कई प्रतिबंध हैं, जबकि पाकिस्तान को बड़ा हिस्सा मिला है.

कितने किलोमीटर बड़ी है सिंधु नदी
Indiawris.gov.in के अनुसार, पाकिस्तान में कई नदियां बहती हैं लेकिन सबसे अहम और जरूरी नदी है. सिंधु नदी, जिसे पाकिस्तान की 'राष्ट्रीय नदी' भी कहा जाता है. सिंधु नदी बेसिन चार देशों, चीन (तिब्बत), भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में फैला हई है. इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 11,65,500 वर्ग किलोमीटर है. भारत में यह बेसिन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ तक फैला है, जहां इसका क्षेत्रफल लगभग 3,21,289 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 9.8% है.
यह बेसिन भारत में 72°28’ से 79°39’ पूर्वी देशांतर और 29°8’ से 36°59’ उत्तरी अक्षांश के बीच फैला हुआ है, जिसकी अधिकतम लंबाई 756 किमी और चौड़ाई 560 किमी है. इसके पूर्व में हिमालय पर्वत, उत्तर में काराकोरम और हरमोष पर्वतमालाएं, पश्चिम में सुलेमान और कीर्थर पर्वत और दक्षिण में अरब सागर है. सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील के पास स्थित सिन-का-बाब जलधारा से होता है, जो समुद्र तल से 5,182 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह नदी तिब्बत और कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान तक जाती है और कुल 2,880 किमी लंबी है, जिसमें से 1,114 किमी भारत में बहती है.
भारत की 32 लोकसभा क्षेत्रों में फैला है सिंधु नदी का पानी
इस बेसिन का एक बड़ा हिस्सा, लगभग 35.8%, कृषि भूमि के रूप में उपयोग होता है, जबकि 1.85% क्षेत्र जल निकायों का है. यह बेसिन भारत के 32 लोकसभा क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिनमें पंजाब के 13, जम्मू-कश्मीर के 7, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के 4-4, राजस्थान के 3 और चंडीगढ़ का 1 संसदीय क्षेत्र शामिल है.
पाकिस्तान के पास सिंधु नदी का 80% पानी
पाकिस्तान को सिंधु नदी का ज्यादातर पानी मिलता है. पीने का पानी, खेती, और बिजली बनाने के लिए पाकिस्तान इस नदी पर बहुत निर्भर है. सिंधु नदी पर पाकिस्तान ने कई बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं भी बनाई हैं. पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित नदियों के पानी के उपयोग के मामले में भारत पर प्रतिबंध है. चूंकि तीनों नदियां भारत से निकलती हैं, इसलिए पाकिस्तान को सूखे और अकाल का खतरा है.