
International Women's Day 2022: आज पूरी दुनिया अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है और महिलाओं के हौसले को सलाम कर रही है. आपको हम हिंदुस्तान की एक ऐसी महिला शक्ति के बारे में बता रहे हैं जिस पर पूरे हिंदुस्तान को नाज़ है. दरअसल, देश में वीवीआईपी सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया था. केंद्र के निर्देश के बाद देश के 'अति महत्वपूर्ण' की सुरक्षा में पहली बार CRPF की महिला कमांडो को तैनात किया जा रहा है.
CRPF की इन महिला कमांडोज को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और Z+ सिक्योरिटी घेरे वाले दूसरे VIP की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा. ये साये की तरह इन हस्तियों के साथ मौजूद रहकर उनकी सुरक्षा करेंगी. साथ ही, इन महिलाओं ने देश के 5 राज्यों में हुए चुनावों में भी VIP को सिक्योरिटी दी है.
इन महिलाओं को इस बैच में शामिल होने के लिए ग्रेटर नोएडा के CRPF कैंप में कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा. इनकी ट्रेनिंग 70 दिन की थी जिसमें फिजिकल, मेंटल और इमोशनल तीनों चीजों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन किया गया. अब तक केवल पुरुष ही सुरक्षा में शामिल थे लेकिन अब महिलाओं को शामिल करके इतिहास रचा जा रहा है. इन महिला कमांडो ने VIP सुरक्षा दायित्वों, निहत्थे लड़ाई और विशेष हथियारों से फायरिंग में अपना 10 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा किया है.

महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हेड योगेंद्र ढाले SPG की सुरक्षा में प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी रह चुके हैं. वे बताते हैं कि महिलाओं को ट्रेनिंग देते वक्त कोई दिक्कत नही आई. हर एक महिला अपने आप में बहुत सशक्त और साहसी है. ट्रेनर जय सिंह ने कहा कि इन्हें ट्रेनिंग देते वक्त कभी महसूस नहीं हुआ कि वह महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. हर एक महिला पुरुषों को कड़ी टक्कर दे रही है और उन्हें इस बात पर बेहद गर्व है कि अब तक जो काम पुरुष करते थे वो काम महिलाएं पहली बार करने वाली हैं.
कैसी होती है Z+ सुरक्षा?
DIG ग्रेटर नोएडा आर एस बिहारी बताते हैं कि Z+ सुरक्षा देश की दूसरी बड़ी सुरक्षा है. इसमें कुल 36 सुरक्षाकर्मी होते है. इनमें 10 NSG और SPG कमांडो होते हैं, साथ ही कुछ पुलिस भी शामिल होती है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि महिला कमांडो को जेड प्लस सिक्योरिटी में तैनात किया गया है. हमारे यहां महिला और पुरुष में बिना अंतर की ट्रेनिंग दी जाती है. यह 32 महिलाएं अपने आप मे साहस, शौर्य और वीरता का परिचय दे रही हैं.
इकलौती महिला ट्रेनर सुरेखा राणे बताती हैं कि महिलाएं कहती हैं कि जब एक महिला आगे बढ़ती है तो पूरा देश आगे बढ़ता है. यदि महिलाएं घर संभाल सकती हैं तो देश को भी संभाल सकती हैं. महिला कमांडो मधुर बताती हैं कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि वीवीआइपी सिक्योरिटी के लिए महिलाओं को तैनात किया जा रहा है और यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है. महिला कमांडो संजुला कुमारी ने कहा कि आज समाज उन्हें एक अलग नजरिए से देखता है. हजारों लाखों लड़कियां हम से प्रेरणा लेकर हिम्मत का कदम आगे बढ़ा रही हैं.
महिला कमांडो पिंकी सिंह बताती हैं कि कभी-कभी हमारे छोटे छोटे बच्चे घर से फोन करते हैं और कहते हैं कि मम्मी अब घर आ जाओ. तब लगता है कि घर चले जाना चाहिए, लेकिन हमारी वर्दी हमें याद दिलाती है कि इस देश के लोग हमारा सबसे पहला परिवार हैं जिसकी सुरक्षा करना हमारा कर्म और धर्म है.