भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में 2025 के एडमिशन लेने वाले छात्रों के दिलचस्प आंकड़े शेयर किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, इस साल कुल 18 हजार 160 निर्धारित सीटों के मुकाबले 18 हजार 188 सीटें आवंटित हुई हैं यानी 28 सीटें क्षमता से अधिक.
खास बात यह भी रही कि महिला प्रतिनिधित्व में हल्की बढ़त दर्ज की गई है. नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक 3 हजार 664 महिला उम्मीदवारों को एडमिशन मिला, जो कुल आवंटन का 20.15% है.IIT मद्रास, IIT रुड़की और IIT तिरुपति जैसे संस्थानों में महिलाओं की हिस्सेदारी राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा रही है.
निर्धारित सीटों से ज्यादा एडमिशन
उदाहरण के लिए, IIT बॉम्बे ने अपनी स्वीकृत कुल 1 हजार 360 सीटों की क्षमता के मुकाबले 1 हजार 364 सीटें आवंटित की हैं. जबकि आईआईटी दिल्ली ने 1 हजार 239 सीटों की तुलना में 1 हजार 241 सीटें आवंटित की. इसी तरह, आईआईटी खड़गपुर ने 1919 स्वीकृत सीटों के मुकाबले 1923 छात्रों को प्रवेश दिया है. आईआईटी हैदराबाद ने 630 कुल छात्रों के मुकाबले 631 छात्रों को प्रवेश दिया.
लगातार बढ़ रहा एडमिशन
आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने 1 हजार 210 सीटों के मुकाबले 1 हजार 213 छात्रों का दाखिला करवाया है. इसके साथ ही आईआईटी मद्रास ने अपनी 1 हजार 121 सीटों की क्षमता के मुकाबले 1 हजार 124 सीटें आवंटित की हैं. आईआईटी कानपुर ने भी 1210 की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले पांच अतिरिक्त छात्रों यानी कुल 1 हजार 215 को प्रवेश दिया है.
पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी में प्रवेश में लगातार वृद्धि को देखते हुए किया गया है. पिछले वर्ष, कुल 17 हजार 760 सीटें उपलब्ध थीं, जिनमें से 17 हजार 695 सीटें भरी गईं. पिछले वर्ष की 17 हजार 385 सीटों की तुलना में प्रवेश संख्या में लगभग 375 की वृद्धि हुई थी.
सीटें खाली न छोड़ने का लक्ष्य
असल में आईआईटी में सीट आवंटन कराने वाली एजेंसी JoSaa की कोशिश रहती हैं कि संस्थान में एक भी सीट खाली ना रहे. इसलिए तय सीटों से ज्यादा छात्रों के आवेदन ले लिए जाते हैं और फिर उन्हें एडमिशन दे भी दिया जाता है. पिछले कुछ सालों में महिलाओं ने भी आईआईटी में एडमिशन लिए हैं, पहले यह संख्या कम था. इस बार 20 प्रतिशत ज्यादा महिलाओं का एडमिशन लिया है.
आईआईटी तिरुपति में 21%, आईआईटी रुड़की में 20.50%, आईआईटी मद्रास में 21.09% लड़कियों की भागीदारी औसत से ज्यादा रही है. कुल 18 हजार 160 सीटों में से 3 हजार 632 सीटें पहले ही महिलाओं के लिए रिजर्व की गई थीं. इसके अलावा 96 विदेशी मूल के OCI/PIO उम्मीदवारों को भारतीय मानकर एडमिशन दिया गया.