प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से इस बार जनता को एडवांस में दीवाली बोनस देने की बात कही थी. इसी कड़ी में हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों में राहत दी है, लेकिन सिन गुड्स पर टैक्स 28 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है.चलिए समझते हैं कि सिन गुड्स क्या हैं और केवल इन्ही पर इतना ज्यादा जीएसटी क्यों वसूला जाएगा.
जीएसटी काउंसिल ने वित्तमंत्री निर्मला की अध्यक्षता में 3 सितंबर 2025 को हुई बैठक में जीएसटी 2.0 बिल पास किया जिसमें टैक्स स्लैब्स को 4 से धटाकर अब दो पर ही सीमित किया गया है. कईं चीजों को पूरी तरह टैक्स-फ्री किया गया है.
क्या है संशोधन?
पहले जीएसटी दरें चार स्लैब्स में लगती थी- चीजों पर 5, 12, 18 और 40 प्रतिशत जीएसटी लगता था. नए बिल के तहत चीजों पर अब केवल 5 और 18 प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा. इसके अलावा लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा. नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. हालांकि ये सबसे ऊंची दर ऋण पूरे हो जाने के बाद ही लागू होगी और काउंसिल इसपर बाद में विस्तृत जानकारी देगा.
क्या होते हैं सिन गुड्स?
सिन गुड्स यानी वो चीजें जिनसे आपकी सेहत और समाज को नुकसान पहुंचता है, जैसे- पान मसाला, तंबाकू, फास्ट फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स इत्यादि. इन्हें डीमेरिट गुड्स भी कहते हैं.
किन सिन गुड्स पर लगेगा 40 प्रतिशत जीएसटी?
सिन गुड्स पर इतना टैक्स क्यों?
भारत में हमेशा से सिन गुड्स सबसे ज्यादा टैक्स आकर्षित करते आए है. इनपर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाकर इन चीजों की खपत और उससे सेहत को होने वाले नुकसान को कम किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार काउंसिल ने कंपेंसेशन सेस को खत्म करने का निर्णय लिया है. हालांकि टैक्स का प्रभाव बनाए रखन के लिए इसे जीएसटी के साथ मिलाया गया है जिससे रेट इतनी बढ़ गई है.