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'सुपर्णा' के आंगन में महफूज नहीं बच्‍चे

'सुपर्णा' के आंगन में महफूज नहीं बच्‍चे

सुपर्णा का आंगन एनजीओ के आश्रम में 11 वर्षीय बालिका को उसके परिजन इस उम्मीद में छोड़ गए थे कि सामाजिक कार्यकर्ता सुपर्णा सेठ उसकी बच्ची का उपचार कराकर पैरों पर खड़ा होने योग्य बना देंगी. इस उम्मीद पर जी रहे बालिका के परिजनों को यह कतई अंदाजा नहीं था कि उनकी मासूम बेटी हवस की शिकार बनाई जा रही है.

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