भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 14 वीरांगनाओं ने लद्दाख की 7,135 मीटर ऊंची माउंट नुन चोटी पर विजय हासिल कर एक नया कीर्तिमान रचा है. अब इनका अगला लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) को फतह करना है.
अगस्त में हुई इस ऐतिहासिक चढ़ाई का नेतृत्व 56 वर्षीय असिस्टेंट कमांडेंट (जनरल ड्यूटी) भवनीता ने किया. उन्होंने बताया कि मुख्यालय से आदेश मिला था कि केवल महिला टीम बनाई जाए. इसके लिए 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग की उन महिलाओं को चुना गया जिन्होंने एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स पूरा किया था.

अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट
भवनीता ने कहा, 'टीम चुनने के बाद हम लेह-कारगिल गए. 15 दिनों की कठिन यात्रा में हमारी महिलाओं ने अपने दृढ़ और संकल्प के दम पर यह उपलब्धि हासिल की. अब जब एवरेस्ट की बात आती है तो हमें पूरा भरोसा है, क्योंकि एवरेस्ट पर सबसे बुजुर्ग पर्वतारोही 70-80 साल के रहे हैं, जबकि हमारी टीम युवा और फिट है. हम प्रशिक्षण पर और ध्यान देंगे और निश्चित ही लक्ष्य पूरा करेंगे.'
इस अभियान के दौरान टीम ने कई चुनौतियों का सामना किया-
-भीषण ठंड और ऊंचाई की बीमारी
-खड़ी बर्फीली पहाड़ी पर चढ़ाई
-ग्लेशियर और गहरी दरारों से भरे कठिन इलाके
-भारी शारीरिक और मानसिक दबाव
-अप्रत्याशित खराब मौसम

'हर साल एवरेस्ट पर चढ़ाई करेंगी ITBP की टीमें'
इन सबके बावजूद महिला कमांडोज ने साहस, अनुशासन और टीम वर्क से कामयाबी पाई. आईटीबीपी के महानिदेशक राहुल रसगोतरा ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल ITBP की परंपरा को और गौरवशाली बनाती है, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है. गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि अगले तीन साल तक हर साल ITBP की टीमें एवरेस्ट पर चढ़ाई करेंगी. लेकिन पहली बार यह मौका महिला टीम को दिया गया है.