भारतीय नौसेना एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है. विशाखापट्टनम में दो अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट्स आईएनएस उदयगिरी (F35) और आईएनएस हिमगिरी (F34) का एक साथ कमीशन किया जाएगा. यह पहली बार है जब दो अलग-अलग भारतीय शिपयार्ड्स द्वारा बनाए गए दो बड़े युद्धपोतों का एक साथ कमीशन होंगे.
उदयगिरी और हिमगिरी: नौसेना की नई ताकत
आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी प्रोजेक्ट 17A (निलगिरी-क्लास) के स्टील्थ फ्रिगेट्स हैं, जो भारतीय नौसेना के लिए बनाए गए हैं. ये युद्धपोत शिवालिक-क्लास फ्रिगेट्स का उन्नत संस्करण हैं. इनका डिज़ाइन भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो (WDB) ने तैयार किया है. खास बात यह है कि उदयगिरी इस ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वां युद्धपोत है, जो भारत की स्वदेशी डिज़ाइन क्षमता को दर्शाता है.
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प्रोजेक्ट 17A के तहत कुल सात फ्रिगेट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से चार MDL और तीन GRSE द्वारा निर्मित हैं. इनमें से पहला युद्धपोत, आईएनएस नीलगिरी, जनवरी 2025 में कमीशन हो चुका है.
क्या खास है इन युद्धपोतों में?
उदयगिरी और हिमगिरी अपने पिछले शिवालिक-क्लास युद्धपोतों की तुलना में कई मायनों में उन्नत हैं. इनकी प्रमुख विशेषताएं हैं...
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हथियार
इन युद्धपोतों में अत्याधुनिक हथियार शामिल हैं...
बहुउद्देशीय क्षमता: ये युद्धपोत सतह, हवा और पनडुब्बी रोधी युद्ध में सक्षम हैं, जिससे ये समुद्र में हर तरह के खतरे से निपट सकते हैं.
कठिन समुद्री परीक्षण
इन दोनों युद्धपोतों ने कमीशन से पहले कठिन समुद्री परीक्षण पास किए हैं. इन परीक्षणों में निम्नलिखित की जांच की गई...
इन परीक्षणों ने पुष्टि की कि उदयगिरी और हिमगिरी तुरंत परिचालन के लिए तैयार हैं.
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मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत
यह आयोजन मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल की बड़ी सफलता है. इन युद्धपोतों के निर्माण में 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) ने योगदान दिया है. इससे करीब 4,000 प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न हुए हैं. ये जहाज पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित हैं, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को दर्शाता है.
उदयगिरी और हिमगिरी का निर्माण दो अलग-अलग शिपयार्ड्स—MDL और GRSE—द्वारा किया गया है, जो भारत की एक साथ कई जगहों पर जटिल युद्धपोत बनाने की क्षमता को दिखाता है. यह भारत के रक्षा उद्योग के विस्तार और मजबूती का प्रतीक है.
⚓ 🏔️ #INSHimgiri : अदृश्यम अजयम ⚓
— IN (@IndiannavyMedia) August 22, 2025
Forged in India.
Stealth in design.
Strength in every frame.
The next-generation frigate of #IndianNavy ready to set sail into service.
🗓️Commissioning on 26 August 2025 at Visakhapatnam. 🌊 A stride towards #ViksitBharat2047.@IndianNavy… pic.twitter.com/pMELy2nofR
2025: नौसेना के लिए ऐतिहासिक वर्ष
2025 भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है. इस साल कई स्वदेशी प्लेटफॉर्म कमीशन किए गए हैं...
आईएनएस सूरत: गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर.
आईएनएस नीलगिरी: स्टील्थ फ्रिगेट.
आईएनएस वागशीर: पारंपरिक पनडुब्बी.
आईएनएस अर्नाला: पनडुब्बी रोधी उथला जल पोत.
आईएनएस निस्तार: डाइविंग सपोर्ट पोत.
इसके अलावा, हाल ही में रूस में कमीशन किया गया स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तमाल 6-9 अगस्त को मोरक्को के कैसाब्लांका में रुका था, जो भारत की समुद्री कूटनीति को दर्शाता है.
रणनीतिक महत्व
उदयगिरी और हिमगिरी का कमीशन भारत की समुद्री ताकत को बढ़ाएगा, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में, जहां चीन की नौसेना की गतिविधियां बढ़ रही हैं. ये युद्धपोत गहरे समुद्र (ब्लू वॉटर) में परिचालन के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. पारंपरिक व गैर-पारंपरिक खतरों से निपट सकते हैं. ये भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तट रेखा और 2.02 मिलियन वर्ग किलोमीटर के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.