इंडिया टुडे कॉनक्लेव में भारतीय सेनाओं के टॉप कमांडर इकट्ठे हुए. वहां ज्वाइंटनेस पर जोर दिया गया – यानी थल, वायु और नौसेना एक साथ कैसे मजबूत हों. भारतीय थल सेना के दक्षिणी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने कहा कि हम सब मिलकर काम कर रहे हैं. अब बड़ा कदम लेने का समय है. इंटीग्रेटेड थियेटर कमांड जरूरी है. हमारे दो पड़ोसी देशों को देखो, हमें भी ये चाहिए. उन्होंने पीएम के 'जय' फॉर्मूले की तारीफ की – ज्वाइंटनेस, आत्मनिर्भरता और इनोवेशन.
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दक्षिण कमांड में 11 राज्य आते हैं. चार एयरबेस और तीन नौसेना बेस हैं. जनरल सेठ बोले कि सब मिलकर एक्सरसाइज करते हैं. कई ऑपरेशन चलाते हैं. अब स्ट्रैटेजिक गाइडेंस मिलता है. आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि डिफेंस में अपनी स्ट्रैटेजिक आजादी चाहिए. सैनिकों को भारत में बने हथियार मिलें.

एकेडमी नई चीजें ईजाद कर रही है, इंडस्ट्री बना रही है, सेना टेस्ट करके ले रही है. IIT चेन्नई ने 'संभव फोन' बनाया, जिससे ऑपरेशन सिंदूर आसानी से हो गया. 30 से ज्यादा शानदार संस्थान और एमएसएमई हैं. हम सबको जोड़ रहे हैं.
भारतीय वायुसेना के पूर्वी कमांड के कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल सूरत सिंह ने वायुसेना की तारीफ की. उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं में वायुसेना सबसे युवा है. बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में हमने कमाल किया. ऑपरेशन सिंदूर के 90 घंटे पर बताते हुए बोले कि हमने 25 मिनट में पूरा हुलिया बदल दिया.
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पाकिस्तान की हालत खराब हो गई. स्पीड, टेक्नोलॉजी, हथियार और सटीकता हमारी ताकत थी. सबने मिलकर किया, सरकार ने लक्ष्य दिया. पहले 25 मिनट सबसे अहम थे. एयरोस्पेस पावर पर कहा कि सारे हथियार एडवांस हो रहे हैं. अगले दशक की चुनौतियों के लिए तीनों सेनाएं तैयार हैं.

पूर्वी सीमा पर मौसम और इलाका कठिन है. हम थलसेना के साथ लगातार अभ्यास करते हैं. सभी एयरफील्ड इस्तेमाल होते हैं. इमरजेंसी रनवे बन रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को संदेश दिया – भारत की सेनाएं सतर्क हैं. सूचना शेयरिंग जरूरी है, वो भी गुप्त तरीके से. चीन की तरफ विमान बढ़े हैं, लेकिन हम नजर रखते हैं.
चीन सीमा पर तेज निर्माण हो रहा है. पांचवीं पीढ़ी के फाइटर उड़ा रहा है, लेकिन ऑपरेशनल स्तर पर अभी कमजोर. अगले 5-6 साल में ढेर सारे तेजस आ जाएंगे. पूर्वी कमांड में आकाशतीर जोड़ा गया है. एस-400 एयर डिफेंस 350 किमी दूर टारगेट मार सकता है. ब्रह्मोस और एस-400 का जोड़ी दुश्मन को डरा देगी.
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वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, पश्चिम कमांड के नौसेना कमांडर ने नौसेना की भूमिका बताई. नौसेना दुश्मनों को कैसे डराती है? 1971 में पाकिस्तान को धूल चटा दी. ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन ठिठक गया. हमारे जंगी जहाजों से पाकिस्तानी नेवी कुछ न कर सकी. हम हमले को तैयार थे. सरकार ने सीधा ऑर्डर दिया – अगर वो कुछ करता, तो हम जोरदार जवाब देते.

समुद्री सुरक्षा पर बोले कि हर साल 20 जंगी जहाज चाहिए. देश की अर्थव्यवस्था समुद्र से चलती है. उसकी रक्षा जरूरी, दुश्मनों पर भी नजर. नौसेना ताकत बढ़ा रही है. इंडियन ओशन में हम पहले रिस्पॉन्डर हैं. द्वीप देशों की मदद करते हैं, क्योंकि उनकी ताकत कम है.
समुद्र विशाल है, लेकिन खतरे वाली हर जगह हम पहुंचते हैं. मदद की जरूरत हो, तो भी. रूस-यूक्रेन युद्ध और ऑपरेशन सिंदूर से सीखा. कम समय में तेज हमला कैसे करें. बाहरी देशों पर निर्भरता मुश्किल पैदा करेगी. इसलिए आत्मनिर्भरता जरूरी है. नौसेना 2047 तक पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेगी.