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अमेरिका ने उड़ाया बी-21 रेडर स्टील्थ बॉम्बर, जानिए कितना खतरनाक है ये

अमेरिका ने छठी पीढ़ी के दूसरे स्टील्थ बॉम्बर B-21 Raider की सफल उड़ान भरी. यह दुनिया का सबसे उन्नत स्टील्थ बॉम्बर है. पामडेल से एडवर्ड्स बेस तक उड़ान भरी. अब हथियार और मिशन सिस्टम की टेस्टिंग तेज होगी. यह विमान 2050 तक अमेरिकी हवाई ताकत का आधार बनेगा.

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ये है अमेरिकी वायुसेना का बी-21 रेडर स्टील्थ बॉम्बर. (Photo: USAF/AFP)
ये है अमेरिकी वायुसेना का बी-21 रेडर स्टील्थ बॉम्बर. (Photo: USAF/AFP)

अमेरिकी वायुसेना (यूएसएएफ) ने 11 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. दूसरा B-21 रेडर टेस्ट एयरक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के पामडेल से उड़ान भरी और एडवर्ड्स एयर फोर्स बेस पर लैंड किया. यह दुनिया का सबसे उन्नत स्टील्थ बॉम्बर है, जो लॉन्ग रेंज स्ट्राइक बॉम्बर (LRS-B) प्रोग्राम का हिस्सा है. अब दो B-21 उड़ान टेस्टिंग में हैं, जिससे हथियार इंटीग्रेशन और मिशन सिस्टम की जांच तेज हो जाएगी.

दूसरा B-21 रेडर का पहला टेस्ट फ्लाइट: क्या हुआ?

11 सितंबर 2025 को नॉर्थ्रॉप ग्रुमैन की पामडेल फैसिलिटी से दूसरा B-21 रेडर (टेल नंबर T-2) ने पहली उड़ान भरी. यह एडवर्ड्स एयर फोर्स बेस पर पहुंचा, जहां यह B-21 संयुक्त टेस्ट फोर्स में शामिल हो गया. यूएसएएफ ने आधिकारिक तस्वीरें जारी कीं, जिसमें विमान उड़ान भरते हुए दिख रहा है. एयर फोर्स सेक्रेटरी ट्रॉय मेनक ने कहा कि दूसरे B-21 के आने से टेस्ट कैंपेन में गति आई है. अब हम हथियारों और मिशन सिस्टम की जांच शुरू करेंगे.

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पहला B-21 (T-1) नवंबर 2023 में उड़ा था. अब तक हफ्ते में दो उड़ानें कर रहा है. दूसरा विमान जोड़ने से टेस्टिंग का दायरा बढ़ेगा. वर्तमान में छह B-21 प्रोडक्शन में हैं, जिनमें दो ग्राउंड टेस्टिंग (G-1 और G-2) के लिए हैं. यह उड़ान फिक्स्ड कॉन्फिगरेशन में थी, जिसमें लैंडिंग गियर नीचे रखा गया था. F-16 चेज प्लेन साथ उड़ी. 

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B-21 Raider Stealth bomber

B-21 रेडर क्या है? डिजाइन और विशेषताएं

B-21 रेडर दुनिया का पहला छठी पीढ़ी का विमान है, जो स्टील्थ टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध के डूलीटल रेडर्स के सम्मान में रखा गया है. यह लंबी दूरी के स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है, जो दुश्मन के हाईली कॉन्टेस्टेड एयरस्पेस में घुसकर न्यूक्लियर या कन्वेंशनल हमले कर सकता है. यह यूएसएएफ के फ्यूचर जॉइंट ऑल-डोमेन ऑपरेशंस (JADO) में फिट होगा.

स्टील्थ फीचर्स: B-21 में क्रांतिकारी लो-ऑब्जर्वेबल टेक्नोलॉजी है, जो B-2 से बेहतर है. इसका एयरफ्रेम एडवांस्ड कंपोजिट मटेरियल, रडार-ट्रांसपेरेंट स्ट्रक्चर और एज-अलाइन्ड ज्योमेट्री से बना है, जो कई रडार फ्रीक्वेंसी पर रिटर्न कम करता है. स्किन कोटिंग तेज मेंटेनेंस के लिए डिजाइन की गई है. इससे मिशन अवेलेबिलिटी बढ़ेगी और कॉस्ट कम होगी.

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सेंसर्स और डिफेंस: विमान में एम्बेडेड सेंसर्स और एंटेना हैं, जो फ्लश एयरफ्रेम डिजाइन से ब्रॉडबैंड सिग्नेचर सप्रेशन देते हैं. नेक्स्ट-जनरेशन इंटीग्रेटेड डिफेंसिव एवियोनिक्स सूट थ्रेट्स को पहचानता, लोकेट करता और जवाब देता है- काइनेटिक (मिसाइल) या नॉन-काइनेटिक (इलेक्ट्रॉनिक) दोनों. इंटरनल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम स्वचालित रूप से थ्रेट प्रायोरिटाइज करता और जैमिंग करता है, बिना एस्कॉर्ट विमान के.

B-21 Raider Stealth bomber

ओपन सिस्टम आर्किटेक्चर: इसका कोर ओपन सिस्टम है, जो नए मिशन सिस्टम, हथियारों और सॉफ्टवेयर अपग्रेड्स को तेजी से इंटीग्रेट करता है. यह एडवांस्ड SAM, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, एंटी-सैटेलाइट और साइबर थ्रेट्स के खिलाफ अनुकूलन देगा. AI-बेस्ड मिशन प्लानिंग और ऑनबोर्ड डिसीजन एड्स क्रू वर्कलोड कम करेंगे और सिचुएशनल अवेयरनेस बढ़ाएंगे.

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कनेक्टिविटी: B-21 फुल-स्पेक्ट्रम कनेक्टिविटी वाला है, जो स्पेस, एयर, सी, लैंड और साइबर डोमेन में सुरक्षित कम्युनिकेशन देता है. यह किल वेब का नोड बनेगा, रीयल-टाइम टारगेटिंग और क्रॉस-डोमेन सिंक्रोनाइजेशन करेगा. यह मैन्ड-अनमैन्ड टीमिंग सपोर्ट करेगा. 

हथियार और क्षमताएं

B-21 ग्लोबल दूरी पर बिना फॉरवर्ड बेसिंग के हमला कर सकता है. यह न्यूक्लियर और कन्वेंशनल पेलोड ले जा सकता है...

  • B61-12 ग्रैविटी बॉम्ब्स.
  • AGM-181 LRSO क्रूज मिसाइल.
  • प्रिसिजन-गाइडेड म्यूनिशन्स.
  • भविष्य में एयर-लॉन्च्ड हाइपरसोनिक वेपन्स और स्टैंड-इन जैमर्स.

इसकी लॉन्ग-रेंज और डीप-पेनेट्रेशन क्षमता दुश्मन के एयर डिफेंस को चकमा देगी.

B-21 Raider Stealth bomber

पुराने बॉम्बर्स से तुलना: B-1B और B-2 से बेहतर क्यों?

B-21 B-1B लांसर और B-2 स्पिरिट को रिप्लेस करेगा, यूएसएएफ के पेनेट्रेटिंग बॉम्बर फ्लीट को एकीकृत करेगा। B-2 सबसे एडवांस्ड स्टेल्थ है, लेकिन B-21 रडार और इंफ्रारेड स्पेक्ट्रम में बेहतर लो-ऑब्जर्वेबिलिटी देगा, जो मॉडर्न एयर डिफेंस के खिलाफ ज्यादा सर्वाइवेबल बनेगा। B-2 की मेंटेनेंस प्रॉब्लम्स को B-21 ने सॉल्व किया—एडवांस्ड मटेरियल और कोटिंग्स से तेज रिपेयर और ज्यादा मिशन रेडीनेस.

B-1B कॉन्टेस्टेड एनवायरनमेंट के लिए डिजाइन नहीं था और न्यूक्लियर रोल खो चुका था. B-21 ड्यूल-रोल (न्यूक्लियर डिटरेंस और प्रिसिजन स्ट्राइक) लाएगा. B-52H से स्टेल्थ, सेंसर फ्यूजन और डिजिटल रेजिलिएंस में आगे है, लेकिन B-52 स्टैंडऑफ प्लेटफॉर्म रहेगा. B-21 बिना रिफ्यूलिंग के ग्लोबल दूरी उड़ सकता है. दुश्मन मिसाइल रेंज से बाहर बेस से ऑपरेट करेगा. इसका ऑल-डिजिटल डिजाइन तेज टेस्टिंग, न्यू कैपेबिलिटी इंटीग्रेशन और लाइफसाइकल कॉस्ट सेविंग देगा.

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कितने B-21 बनेंगे?

यूएसएएफ कम से कम 100 B-21 खरीदेगा, लेकिन संख्या बढ़ सकती है. पहले ऑपरेशनल यूनिट्स साउथ डकोटा के एल्सवर्थ एएफबी पर होंगे, फिर व्हाइटमैन और डायेस एएफबी. टेस्ट प्रोग्राम एडवर्ड्स पर होगा, जहां यूएसएएफ टेस्ट सेंटर और रैपिड कैपेबिलिटी ऑफिस इंडो-पैसिफिक और यूरोपियन थिएटर्स के कॉन्टेस्टेड एनवायरनमेंट को रीक्रिएट करेंगे.

जैसे-जैसे दुश्मन एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल सिस्टम और लॉन्ग-रेंज सेंसर्स विकसित कर रहे हैं, B-21 डिटरेंस और ग्लोबल स्ट्राइक के लिए जरूरी है. इसका स्टेल्थ, एडाप्टेबल आर्किटेक्चर और प्रिसिजन लेथलिटी 2050 तक अमेरिकी एयरपावर का बैकबोन बनेगा.

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