गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन उसकी गिरफ्तारी से पहले बुधवार को उज्जैन के 8 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया था. इसमें महाकाल चौकी इंचार्ज और महाकाल पुलिस स्टेशन के SHO भी शामिल हैं. अब ये सवाल उठता है कि क्या ये पुलिसकर्मी विकास दुबे की मदद कर रहे थे. क्या वे उसे पुलिस की कार्रवाई की जानकारी दे रहे थे. गिरफ्तारी से ठीक पहले इन पुलिसकर्मियों के तबादले से सवाल खड़े होते हैं.
दरअसल, विकास दुबे ने पहले उज्जैन पुलिस के सामने सरेंडर किया. इसके बाद एमपी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. विकास को महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया. उसे महाकाल थाना पुलिस ने ही अरेस्ट किया.

बता दें कि विकास दुबे कानपुर गोलीकांड के बाद से फरार था. उसपर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप है. यूपी पुलिस बीते 6 दिनों से उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी की. मंगलवार को उसके हरियाणा के फरीदाबाद में होने की जानकारी मिली. इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने होटल पर रेड की.
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हालांकि पुलिस को सफलता नहीं मिली. उसके एक साथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. कानपुर की घटना के बाद से पुलिस अलग-अलग मुठभेड़ में उसके तीन साथियों को भी ढेर कर चुकी है.
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वहीं, गैंगस्टर विकास दुबे से आज पुलिस ने पूछताछ की. उसने बताया कि घटना के बाद घर के ठीक बगल में कुएं के पास पांच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिए जाएं. इस बीच विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने हिरासत में ले लिया है. एसटीएफ उसे लेकर कानपुर रवाना हो गई.