उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आदमखोर कुत्तों के हमले में एक और बच्चे की जान चली गई है. इस तरह सीतापुर में बीते साल नवंबर से अब तक कुत्तों के हमले में कुल 13 बच्चों की मौत हो चुकी है.
आदमखोर कुत्तों के सर्वाधिक आतंक वाले खैराबाद इलाके के महेशपुर चिलवारा गांव में कुत्तों के हमले की ताजा घटना घटी है, जिसके 10 साल की बच्ची की मौत हो गई.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही शुक्रवार को सीतापुर का दौरा किया और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें सख्त निर्देश दिया कि अब एक भी बच्चा कुत्तों के हमलों का शिकार नहीं होना चाहिेए.
लेकिन कुत्तों के हमले में फिर से एक बच्चे की मौत बता रही है कि प्रशासन किस कदर कुत्तों के आगे लाचार नजर आ रही है. योगी ने कुत्तों के हमले में मृत बच्चों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को 25-25 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. सीतापुर दौरे पर योगी ने कुत्तों के हमले में घायल बच्चों का अस्पताल जाकर हाल-चाल भी लिया.
Sitapur: 10-year-old girl died after being attacked by pack of dogs in Khairabad's Maheshpur Chilwara village. Total 13 children have lost their lives in the region till date after being attacked by dogs.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 13, 2018
शुक्रवार को ही भारतीय वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के आग्रह पर ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल (HSI) की इंडिया इकाई ने सितापुर में पशु चिकित्सकों, पशु कल्याण अधिकारियों और डॉग हैंडलर्स की एक टीम तैनात कर दी है. हालांकि यह टीम सिर्फ स्थिति को समझने के लिए है.
इस बीच आदमखोर कुत्तों के आतंक का मामला हाईकोर्ट जा पहुंचा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट मामले की अगली सुनवाई अब 4 जुलाई को करेगा.
आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सारे आवारा कुत्तों को पकड़ने का निर्देश भी दिया था, जिसके बाद अब तक 35 कुत्तों को पकड़ा जा चुका है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ चुका है. कुत्तों को गोली मारने के साथ ही पकड़कर उनकी नसबंदी की जा रही है. इसके बाद उन्हें जंगल में ले जाकर छोड़ दिया जा रहा है.
इतना ही नहीं पुलिस ड्रोन और नाइट विजन कैमरों से इलाके में नजर रख रही है. इसके साथ ही प्रशासन ने पशु पालन विभाग की मदद से कुत्तों के आदमखोर होने पर रिसर्च भी करा रहा है. क्योंकि ये हैरानी की बात है कि लोगों के बीच रहने वाले कुत्ते कैसे आदमखोर हो गए.
गांव वालों का मानना है कि अवैध बूचड़खाने बंद किए जाने के चलते हिंसक हो गए हैं और बच्चों पर हमले कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें खाने के लिए मांस नहीं मिल पा रहा.