बिहार के गया में गैंगरेप की शिकार नाबालिग पीड़िता के प्रति नेताओं का असंवेदनशील रवैया सामने आया है. पीड़िता की परेशानी का ख्याल किए बिना RJD के नेता समर्थन जताने और ढांढस देने अस्पताल पहुंच गए. आरजेडी नेताओं के साथ भीड़ को देखकर पीड़िता और घबरा गई.
अब पुलिस ने पीड़िता से मिलने पहुंचे RJD के कई नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है. पूर्व मंत्री आलोक मेहता, आरजेडी विधायक सुरेंद्र यादव, आरजेडी महिला सेल की अध्यक्ष आभा लता, आरजेडी के जिलाध्यक्ष निजाम आलम सहित आरजेडी के कुल 6 नेताओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
गया के SSP राजीव मिश्रा ने बताया कि पीड़िता से मिलने पहुंचने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पीड़िता अभी भी गहरे सदमे में है. शुरुआत में पीड़िता केस दर्ज नहीं कराना चाहती थी, क्योंकि इससे उसकी पहचान उजागर हो जाती. लेकिन नेताओं के अस्पताल पहुंचकर उससे मिलने से इलाके में उसकी पहचान उजागर कर देगा.
Gaya Jun 13 gangrape case: SSP Gaya Rajiv Mishra says'action will be taken against the political parties trying to visit the victim. She is still in deep trauma. She didn't want to file FIR at 1st as it would reveal her identity. Visiting her will reveal her identity in locality' pic.twitter.com/DYMX89NyFQ
— ANI (@ANI) June 15, 2018
पुलिस ने आरजेडी के इन 6 नेताओं पर आईपीसी की धाराओं 114, 147, 353, 228ए और 74जेजे के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. साथ ही गया के SSP ने हिदायत दी है कि कोई भी पीड़िता की पहचान से संबंधित सूचना जारी न करे.
नेताओं को देख अस्पताल से भागने लगी पीड़िता
शुक्रवार को स्थिति उस समय अजीबोगरीब हो गई जब आरजेडी के एक नेता पीड़िता को ढांढस बंधाने के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तो वहां खुद पीड़िता को ही इससे दिक्कत होने लगी और वहां से निकल भागने की कोशिश करने लगी.
मीडिया के जमावड़े से नाराज पीड़ित महिला ने कहा कि वो कितनी बार घटना के बारे में मीडिया को बताएगी. उस समय आरजेडी के कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे.
घटना पर जमकर हो रही राजनीति
मां-बेटी के साथ गैंगरेप की इस घटना ने बिहार की राजनीति को काफी गर्म कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो राज्य में राष्ट्रपति शासन तक लगाने की मांग कर डाली है. तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस प्रकार से बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने हाल में बिहार में हुई छेड़खानी और बलात्कार की घटनाओं के बाद कहा कि पुलिस में जाने से पहले लड़कियां राजभवन में फोन करें. इससे साफ है कि उनको भी यहां की कानून-व्यवस्था पर भरोसा नहीं रह गया है.
मामले पर गरमाई राजनीति को देखते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तक को प्रतिक्रिया देनी पड़ी. सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करके गया की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और साथ ही घटना को लेकर सत्तापक्ष पर निशाना साध रहे विपक्ष को अपना इतिहास याद करने की नसीहत भी दे डाली.
पति को पेड़ से बांध किया गया था मां-बेटी से गैंगरेप
बता दें कि गया के कोंच थाना क्षेत्र में बुधवार की रात करीब 9 बजे मोटरसाइकिल से घर जा रहे परिवार को रोककर 8 से 10 बदमाशों ने मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति को पेड़ से बांध दिया और उसकी पत्नी और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया था.
जानकारी के मुताबिक, मोटरसाइकिल से घर जाते हुए रास्ते में सोनडीहा गांव के पास 8 से 10 लोगों ने परिवार को घेर लिया. इसके बाद अपराधियों ने पहले परिवार के साथ लूटपाट की. फिर मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति को पेड़ से बांध दिया और उसकी पत्नी और बेटी को दूर ले जाकर गैंगरेप किया. पटना क्षेत्र के IG नैय्यर हसनैन खां के निर्देश पर मामले की जांच के लिए SIT गठित कर दी गई है.
इस मामले में दो दर्जन से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था और पीड़िता ने उनमें से दो आरोपियों की पहचान भी कर ली है. वहीं कर्तव्यहीनता के आरोप में कोंच के थाना प्रभारी राजीव रंजन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.