अमृतसर के निरंकारी सत्संग भवन पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद अब पंजाब के अल्पसंख्यक, गैर सिख धार्मिक नेता और संगठन खालिस्तानी उग्रवादियों के निशाने पर हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन हिंदू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं, डेरा प्रमुखों और निरंकारी मिशन से जुड़े लोगों की बाकायदा रेकी कर चुके हैं. ऐसी आशंका है कि उन पर जानलेवा हमला हो सकता है.
धार्मिक नेताओं पर बढ़ते खतरे को देखते हुए पंजाब पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है. पुलिस खासकर निरंकारी मिशन और डेरा पर नजर रखे हुए है. सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारियों ने कई धार्मिक नेताओं से मुलाकात करके उन्हें हमले के खतरों से आगाह किया है. इन नेताओं को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और अपनी यात्रा की जानकारी संबंधित थाने से साझा करने को कहा गया है ताकि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जा सके.
गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों के दौरान धार्मिक नेताओं पर 8 हमले हो चुके हैं. इनमें सात धार्मिक नेता अपनी जान गंवा चुके हैं. जो लोग खालिस्तानी उग्रवादियों के हमले का शिकार हुए उनमें पंजाब आरएसएस उप प्रमुख जगदीश गगनेजा और नामधारी संप्रदाय के प्रमुख की पत्नी माता चांद कौर भी शामिल हैं.
पंजाब में धार्मिक नेताओं की सुरक्षा निरंकारी सत्संग भवन पर ग्रेनेड फेंकने के प्रमुख आरोपी अवतार सिंह द्वारा किए गए खुलासे के बाद बढ़ाई गई है. अवतार सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन अन्य धार्मिक नेताओं पर हमले की साजिश रच रहे हैं और उनकी बकायदा रेकी भी की गई है.
अवतार सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि आईएसआई पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए हिंदू, आरएसएस, निरंकारी और दूसरे संप्रदायों पर हमले करवाने पर आमादा है.