जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में भड़की हिंसा के लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया और इसी के जरिये लोगों को जोड़ा गया था. दिल्ली पुलिस ने इस ग्रुप के 7 और लोगों की पहचान की है जिन पर हिंसा में शामिल होने का आरोप है. इससे पहले 37 लोगों की पहचान की जा चुकी है. ऐसे में व्हाट्सअप ग्रुप में शामिल कुल 60 में से 44 लोगों की अब तक पहचान हो चुकी है. पुलिस इसे आधार मान कर अपनी तफ्तीश आगे बढ़ा रही है.
बता दें, जेएनयू हिंसा पर से पर्दा उठाने के लिए 'आजतक' ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसमें कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई जिसे दिल्ली पुलिस ने भी माना है और अपनी जांच का हिस्सा बनाया है. स्टिंग में यह बात भी सामने आई थी कि हिंसा की योजना एक व्हाट्सएप ग्रुप में बनी थी. यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नामक इस ग्रुप से जुड़े 44 लोगों की पहचान क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने कर ली है. क्राइम ब्रांच के अनुसार इन आरोपियों को जल्द नोटिस भेजा जाएगा.
'आजतक' ने शुक्रवार को स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किया था, जिसमें छात्रों ने अंडरकवर रिपोर्टर से हिंसा को लेकर कई खुलासे किए थे. हिंसा का ताना-बाना कैसे बुना गया, कौन-कौन लोग इस हिंसा में शामिले थे समेत विभिन्न बिंदुओं पर बात करने के साथ ही आरोपियों ने वीडियो में खुद ही अपनी पहचान भी की थी और यह भी बताया था कि इसमें उनकी भूमिका क्या थी.
अक्षत अवस्थी का कबूलनामा
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जेएनयू के छात्र अक्षत अवस्थी को जांच में शामिल होने को कहा है. पुलिस ने अक्षत को एक अन्य छात्र रोहित शाह के साथ आने को कहा है. जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा पर 'आजतक' ने स्टिंग ऑपरेशन किया था. इस स्टिंग में अक्षत अवस्थी ने छात्रों पर हमले की बात खुद स्वीकार की थी और यह भी कबूला था कि वो ABVP का सदस्य है.
जेएनयू हिंसा में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की जांच तेज हो गई है. 9 पहचाने गए आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है. इन 9 आरोपियों में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं. छात्राओं से महिला पुलिस अफसर पूछताछ करेंगी. इस मामले में वार्डन, 13 सुरक्षा गार्ड और 5 छात्रों से पूछताछ हुई है. दूसरी ओर सर्वर रूम में तोड़फोड़ के आरोपों को जेएनयू छात्रसंघ ने खारिज किया है. इस मामले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि 4 और 5 जनवरी को उसी सर्वर से कई मेल भेजे गए.