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2006 जालंधर बस स्टैंड के बम ब्लास्ट के 2 आरोपी गिरफ्तार

पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस और जालंधर पुलिस ने 2006 के जालंधर बस स्टैंड में हुए बम ब्लास्ट में शामिल खालिस्तान कमांडो फोर्स व खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक आतंकी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.

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आतंकी गिरफ्तार (फोटो-आजतक)
आतंकी गिरफ्तार (फोटो-आजतक)

पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस और जालंधर पुलिस ने 2006 के जालंधर बस स्टैंड में हुए बम ब्लास्ट में शामिल खालिस्तान कमांडो फोर्स व खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक आतंकी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.

गिरफ्तार आतंकी अमरीक सिंह मूलरूप से गांव सरीह, जालंधर का रहने वाला है. वह काफी सालों से युगांडा में रह रहा था. अमरीक सिंह 2006 के दो मामलों आरोपी था और पंजाब पुलिस ने इसे FIR संख्या 173 और 175 के तहत भगोड़ा बताया था.

जालंधर के बस स्टैंड में धमाका, पाकिस्तान में बैठे केजीएफ प्रमुख रंजीत सिंह नीटा और यूएसए के बलविंदर सिंह पोसी ने करवाए थे. गिरफ्तार आतंकी ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि वो वर्ष 1992 से 1995 तक आतंकवाद के समय आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था.

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वो खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख आतंकी गुरदीप सिंह, दीपा हेरा वाला का साथी रहा है. इन आतंकियों ने उसे एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल मुहैया करवाई थी. इसका इस्तेमाल उसने साल 1995 में की गई एक डकैती में किया था.

साल 1998 में उसने साथियों के साथ मिलकर गुरुनगर मॉडल टाउन जालंधर में हरविंदर सिंह भोला की हत्या कर दी थी. इस मामले में अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कैद के दौरान वह पैरोल पर छूटा था और बाद में भागकर युगांडा चला गया था.

2003 में उसकी भारतीय पासपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो गई और उसने युगांडा गणराज्य से अपने पिता का नाम हरमेल सिंह दर्ज करवाकर गलत जन्मतिथि के आधार पर दोबारा पासपोर्ट बनवाया.

अमरीक सिंह पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकी रंजीत सिंह नीटा और यूएस बेस्ड परमजीत सिंह, बाबा गद्दरी और बलविंदर सिंह पोसी, हैप्पी के करीब रहा है, जो आतंकी संगठन केजीएफ से संबंधित है.

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