केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को बड़ी कामयाबी मिली है. नकली करेंसी केस के वांटेड आरोपी मोइदीनबाबा उमर बेरी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारत लाया गया है. यह कार्रवाई इंटरपोल और अबू धाबी पुलिस के सहयोग से 20 जून 2025 को अंजाम दी गई.
मोइदीनबाबा पर आरोप है कि उसने दुबई से उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय नोट (FICN) हासिल किए और उन्हें शारजाह के रास्ते बेंगलुरु में सप्लाई किया. एनआईए की कोच्चि ब्रांच ने इस केस में उसके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जाली नोट सप्लाई करने के गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया था.
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गिरफ्तारी और भारत लाने की प्रक्रिया
सीबीआई ने वर्ष 2013 में इंटरपोल के जरिए आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया था. लंबी प्रक्रिया के बाद IPCU (इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट) और अबूधाबी की पुलिस ने मिलकर उसे यूएई में पकड़ने में सफलता पाई. आरोपी को दुबई से एअर इंडिया की फ्लाइट (AI-920) से मुंबई लाया गया, जहां वह छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डिपोर्टी के तौर पर उतरा.
सीबीआई इंटरपोल की भारतीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है और देश-विदेश की तमाम एजेंसियों के साथ संपर्क में रहते हुए ऐसे वांछित अपराधियों की तलाश और वापसी सुनिश्चित करती है. पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनल्स के जरिए 100 से अधिक अपराधियों को भारत वापस लाया जा चुका है.