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CBI ने किया साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़, 2.8 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी और 22 लाख कैश जब्त

Cyber Crime: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने एक साइबर अपराध गिरोह पर कार्रवाई करते हुए एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. यहां से 2.8 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी और 22 लाख रुपए की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है. इसके साथ ही एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने एक साइबर अपराध गिरोह पर कार्रवाई करते हुए एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. यहां से 2.8 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी और 22 लाख रुपए की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है. इसके साथ ही एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है. वो सरकारी अधिकारी बनकर अमेरिका और कनाडा में अनजान व्यक्तियों को निशाना बना रहा था.

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सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी राहुल अरोड़ा को मंगलवार को तीन स्थानों पर की गई तलाशी के दौरान गिरफ्तार किया गया. यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ चल रहे सीबीआई अभियान 'चक्र-5' का हिस्सा थी. सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था. इस गिरोह के बारे में सूचना मिली थी कि वे सरकारी अधिकारी बनकर अमेरिका और कनाडा में ठगी कर रहे हैं.

सीबीआई ने गिरोह के सदस्यों की गतिविधियों पर खुफिया जानकारी विकसित करके सूचना पर काम किया. इसके बाद उनके परिसरों की तलाशी ली. इस दौरान गिरोह के संचालन के बारे में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए. इसमें कॉलर की पहचान के साथ अंतरराष्ट्रीय कॉल करने के लिए उपकरण, लीड-जनरेशन तंत्र, वॉयस रिकॉर्डिंग और साइबर अपराध पारिस्थितिकी तंत्र के घटक शामिल हैं.

सीबीआई ने साइबर अपराध से निपटने के लिए अपने प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) को संभालने और जब्त करने के लिए इन-हाउस क्षमताएं विकसित की हैं. एजेंसी ने कानूनी प्रावधानों के अनुसार ऐसी संपत्तियों के प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रणालियां भी स्थापित की हैं. सीबीआई तलाशी अभियानों में वीडीए का सफलतापूर्वक पता लगा रही है.

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बताते चलें कि फरवीर में सीबीआई ने 23.94 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की थी. एक कंपनी के घोटलों की जांच के दौरान 60 जगहों पर छापेमारी की गई. इसमें दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चंडीगढ़ सहित देश के कई शहरों में छापे मारे गए. सीबीआई ने हार्डवेयर क्रिप्टो वॉलेट, 121 दस्तावेज, 34 लैपटॉप, हार्ड डिस्क, 12 मोबाइल फोन, कई चैट और ईमेल डेटा जब्त किए थे. 

जांच एजेंसी के अनुसार, साल 2015 में लॉन्च हुई एक कंपनी के जरिए ये घोटाला किया गया था. इस घोटाले का मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज और उसका भाई अजय भारद्वाज था. इनमें अमित की मौत हो गई थी. ये कंपनी लोगों को बिटक्वाइन में हर महीने 10 फीसदी रिटर्न देने का लालच देती थी. उनके जाल में फंसकर लोगों ने बड़े पैमाने पर इसमें निवेश किया, लेकिन उनके पैसे डूब गए.

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