दिल्ली में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का बड़ा आंकड़ा सामने आया है. दिल्ली पुलिस की महिलाओं और बच्चों के लिए स्पेशल पुलिस यूनिट SPUWAC को साल 2025 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी 1197 स्पेसिफिक लीड मिलीं, जिनके आधार पर 60 FIR दर्ज की गईं. ये जानकारी ऑफिशियल पुलिस डेटा से सामने आई है.
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, 1 जनवरी से 19 दिसंबर 2025 के बीच अमेरिका स्थित नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन यानी NCMEC से कुल 1197 ऐसी जानकारियां मिलीं, जो सीधे तौर पर दिल्ली से जुड़ी थीं. इन इनपुट की जांच के बाद जिला यूनिट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े 60 आपराधिक मामले दर्ज किए थे.
आंकड़ों से यह भी साफ होता है कि साल 2024 की तुलना में 2025 में ऐसे मामलों में करीब 56 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. साल 2024 में NCMEC से मिली 1809 लीड के आधार पर 136 FIR दर्ज की गई थीं, जबकि साल 2025 में इनपुट कम होने के साथ-साथ FIR की संख्या भी घटकर 60 रह गई. इस तरह केस की संख्या आधी हो गई.
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में SPUWAC को NCMEC के रेफरल के जरिए कुल 10151 इनपुट मिले. इनमें से 106 इनपुट ऐसे पाए गए, जिनका भारत से कोई संबंध नहीं था. उन्हें वापस NCMEC को भेज दिया गया. वेरिफिकेशन के बाद 6022 लीड दूसरे राज्यों के अधिकार क्षेत्र की पाई गईं, जिन्हें संबंधित राज्यों को ट्रांसफर कर दिया गया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 2826 लीड को जांच के बाद नॉन-एक्शनेबल मानते हुए बंद कर दिया गया, जबकि शेष दिल्ली से जुड़ी जानकारियों को SPUWAC और जिला यूनिट ने प्रोसेस किया. इन्हीं दिल्ली-स्पेसिफिक इनपुट्स के आधार पर FIR दर्ज की गईं. साल 2024 में SPUWAC को चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कुल 16321 इनपुट मिले थे.
इनमें से 7865 दूसरे राज्यों को ट्रांसफर किए गए, जबकि 6554 लीड को वेरिफिकेशन के बाद नॉन-एक्शनेबल घोषित किया गया. इसी साल दिल्ली से जुड़ी 1809 जानकारियां जिला यूनिट को भेजी गईं, जिनसे 136 FIR दर्ज हुईं. साल 2024 और 2025 के दौरान दिल्ली पुलिस को ऑनलाइन यौन शोषण और चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी 3006 जानकारियां भेजी गईं.
इनके आधार पर 196 FIR दर्ज की गईं. यह आंकड़ा डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बढ़ते खतरे और निगरानी को दर्शाता है. SPUWAC का काम सिर्फ अपराध दर्ज करना ही नहीं, बल्कि काउंसलिंग के जरिए मानसिक और सामाजिक सहारा देना भी है. साल 2015 से 19 दिसंबर तक SPUWAC को 3,578 शिकायतें मिलीं.
ये शिकायतें दहेज उत्पीड़न, घरेलू कलह, शादी के विवाद और मानसिक उत्पीड़न से जुड़ी हुई थीं. इन मामलों में काउंसलिंग से समाधान नहीं निकलने पर 976 FIR दर्ज की गईं, जबकि 42 मामले घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत दर्ज हुए. 1 जनवरी से 15 दिसंबर 2025 के बीच SPUWAC ने काउंसलिंग से जुड़े 186 मामलों को हैंडल किया था.
इनमें से कई मामलों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अंजिता चेप्याला ने कहा कि यूनिट महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और अपराधियों के खिलाफ सख्त जांच और कानूनी कार्रवाई की जा रही है. SPUWAC एक नोडल एजेंसी के तौर पर स्टेकहोल्डर्स के साथ काम करती रहेगी.
पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि कम्युनिटी आउटरीच और रोकथाम के तहत साल 2002 से 15 दिसंबर 2025 तक दिल्ली में 16922 सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम किए गए. इन कार्यक्रमों के जरिए अब तक 30 लाख से अधिक महिलाओं और लड़कियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. साल 2025 में 4 लाख 13 हजार महिलाओं को सेल्फ-डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई है.