कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. लोग अपने घरों में कैद रहने के लिए मजूबर हैं. लेकिन इस दौरान भी कुछ असामाजिक तत्व कोरोना वायरस और अफवाहों को फैलाने में जुटे हुए हैं. इसके लिए वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया है. एक शख्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लड़की के नाम से फेक आईडी बनाकर लोगों के बीच अफवाह फैला रहा था और दूसरे धर्मों के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम कर रहा था.
फेसबुक के जरिए धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में जब छत्तीसगढ़ पुलिस निशा जिंदल नाम की युवती को गिरफ्तार करने पहुंची तो चौंक गई. दरअसल उस फेक आईडी को कोई महिला नहीं बल्कि एक शख्स कई सालों से चला रहा था. खास बात ये है कि उस आईडी पर उसके करीब 10 हजार फॉलोअर्स थे.
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फेक आईडी के जरिए अफवाह फैलाने वाले जिस शख्स को पुलिस ने पकड़ा, उसका नाम रवि बताया जा रहा है. रवि फेसबुक पर निशा जिंदल के नाम से फेक आईडी चलाता था और लोगों को भड़काता था.
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पुलिस ने उसे सबक सिखाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया और उसी के जरिए उस आईडी पर सच्चाई कुबूल करते हुए तस्वीर डालने को कहा. साथ ही अपनी हिरासत की जानकारी देने का आदेश दिया. इसके बाद आरोपी जिस निशा जिंदल के नाम से आईडी चला रहा था, उस पर उसने लिखा कि 'मैं पुलिस कस्टडी में हूं, मैं ही निशा जिंदल हूं.'
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इस खबर की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, कोई भी अफवाह फैलने नहीं दी जाएगी, आइये हमलोग मिलकर ऐसे लोगों की पहचान करें जो हमें भटकाते हैं.