कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी से चमत्कारी परिणाम मिलने की उम्मीद है. दिल्ली में एक कोरोना मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का सकारात्मक नतीजा सामने आया. इसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बेंगलुरु के एक संस्थान को प्लाज्मा ट्रीटमेंट की इजाजत दी है.
प्लाज्मा थेरेपी की इजाजत
कर्नाटक के मेडिकल शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी से कोविड 19 के इलाज में बहुत संभावनाएं हैं और मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आईसीएमआर हमारी अपील पर राजी हो गया है और एचसीजी बैंगलोर इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी के डॉ. विशाल राव को प्लाज्मा ट्रीटमेंट करने की इजाजत दी है.
डॉयरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस, भारत सरकार की ओर से डॉ. विशाल राव को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्लाज्मा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल किया जा सकता है.
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डॉ. विशाल राव अपने ट्रायल के दौरान ये देखेंगे कि प्लाज्मा थेरेपी के दौरान क्या चुनौतियां सामने आ रही हैं और इससे स्वास्थ्य संबंधी क्या चिंताएं पैदा हो सकती हैं.
प्लाज्मा ट्रीटमेंट का सकारात्मक असर
बता दें कि देश में पहली बार प्लाज्मा थेरेपी से 49 साल के कोरोना संक्रमित व्यक्ति का सफल इलाज किया गया है. यह कामयाबी दिल्ली के निजी अस्पताल मैक्स के डॉक्टरों ने हासिल की है. इस थेरेपी से चार दिन में ही मरीज के ठीक होने से चिकित्सक बेहद उत्साहित हैं.
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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दिल्ली के जिस शख्स को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसकी हालत बेहद खराब थी. इलाज के लिए इसे प्लाज्मा थेरेपी दी गई, जिसका सकारात्मक असर हुआ, और अब मरीज को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है.
प्लाज्मा ट्रीटमेंट में डॉक्टर कोरोना से स्वस्थ हो चुके मरीजों के शरीर से प्लाज्मा निकालकर इसे बीमार शख्स के शरीर में डालते हैं. कोरोना के मामले में इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है.