31 मार्च 2023 बीत चुका है और नए वित्त वर्ष की शुरुआत भी हो चुकी है. 1 अप्रैल से पहले कई जरूरी काम निपटाने थे, जिनमें से एक था इन्वेस्टमेंट प्रूव देना...जो इनकम टैक्स बचाने के लिए जरूरी था. दरअसल, अगर आपके ऊपर वित्त वर्ष 2022-23 में आयकर (Income Tax) बनता है, तो आपकी कंपनी फरवरी और मार्च की सैलरी में से उसे काट लेती है. लेकिन अगर आप आयकर के दायरे में नहीं आते हैं, और फिर भी टैक्स कट गया है तो फिर क्या विकल्प है?
सबसे पहले बता दें कि हर कर्मचारी को अपने निवेश यानी इंवेस्टमेंट प्रूव (Investment Proof) और HRA डिटेल्स कंपनी को देनी होती है. अधिकतर कंपनियां जनवरी से फरवरी के अंत तक अपने कर्मचारियों को प्रूव जमा (Investment Proof Submission) करने को कहती हैं, ताकि उसे वैरीफिकेशन के बाद आयकर विभाग में सबमिट किया सके.
31 मार्च तक था मौका
आमतौर पर देखने को मिलता है कि देश में ज्यादातर करदाता वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में यानी जनवरी, फरवरी और मार्च में Tax Saving के लिए कदम उठाते हैं. खासकर किसी न किसी योजना में वे निवेश कर टैक्स देनदारी से खुद मुक्त करने की कोशिश करते हैं. हालांकि, कई करदाता ऐसे भी होते हैं, जो अंतिम तिथि आते-आते इन्वेस्टमेंट तो कर देते हैं, लेकिन इसका प्रूव तय तिथि तक सब्मिट करने से चूक जाते हैं. अगर आप भी इनमें शामिल हैं, तो फिर घबराने की जरूरत नहीं है. आपके पास टैक्स छूट पाने का एक बड़ा मौका मौजूद है.
ITR में करें 31 मार्च तक के निवेश का जिक्र
नियमों के मुताबिक अगर आप वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर छूट का लाभ लेना चाहते हैं और 31 मार्च तक NPS, PPF, FD या फिर किसी अन्य स्कीम में इन्वेस्टमेंट किया हुआ है और आप जहां काम करते हैं, वहां आयकर से जुड़े इंवेस्टमेंट प्रूव और HRA के दस्तावेज जमा कर चूक गए हैं. तो भी आप 31 जुलाई से पहले ITR फाइल करके टैक्स छूट का पूरा लाभ ले सकते हैं. इसमें आप HRA समेत सभी निवेश दस्तावेज जमा कर सकते हैं, जो आयकर के नियम के तहत वैध है.
यानी आप बिना किसी कटौती की टेंशन लिए फ्री होकर 31 मार्च तक लाइफ इंश्योरेंस, PPF, NPS और मेडिकल इंश्योरेंस से जुड़े इन्वेस्टमेंट प्रूम को 31 जुलाई तक ITR फाइल कर क्लेम कर सकते हैं. यही नहीं, अगर फरवरी और मार्च के महीने में आपकी सैलरी टैक्स की वजह से कटती है, तो क्लेम करके उस कटौती की राशि को बी वापस पाया जा सकता है.
कैसे बचाने किए निवेश के कई ऑप्शन
टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट करने के लिए बहुत सारे ऑप्शन मौजूद हैं. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत निवेश कर आप 1,50,000 रुपये तक की रकम को अपनी टैक्सेबल इनकम में से घटा सकते हैं. इनमें जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए दिया गया प्रीमियम, बच्चों के स्कूल की ट्यूशन फीस, PPF, KVP, सुकन्या समृद्धि योजना, NSC होम लोन की मद में चुकाया गया मूलधन जैसी रकम शामिल होती है. इसके अलावा NPS में निवेश कर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ ले सकते हैं.
इसके साथ ही मेडिकल इंश्योरेंस खरीद कर भी टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. हालांकि, बेहतर यही होता है कि तय तिथि से पहले इन्वेस्टमेंट प्रूव जमा कर दिए जाएं, लेकिन अगर किसी कारणवश आप चूक जाते हैं, तो भी नियमों में ये राहत दी गई है, कि 31 जुलाई तक आप ये दस्तावेज जमा कर सकते हैं.