scorecardresearch
 

बांग्लादेश पर 35% टैरिफ, इस भारतीय सेक्टर के लिए बल्ले-बल्ले, अभी से भागने लगे शेयर!

Textile Stocks Hike: मंगलवार को कारोबार के दौरान टेक्सटाइल, गारमेंट्स, लेदर उत्पादों को एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी रही. दरअसल, अमेरिकी ट्रंप सरकार ने बांग्लादेश पर 35% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.

Advertisement
X
Indian textile stocks surge
Indian textile stocks surge

भारत और अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील पर जल्द मुहर लगने वाली है, खबर है कि दोनों देशों से बीच सहमति बन गई और डील को अंतिम रूप दे दिया गया है. शायद डील होने की भनक शेयर बाजार को लग चुकी है, मंगलवार को कारोबार के दौरान आखिरी घंटे में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली.

मंगलवार को कारोबार के दौरान टेक्सटाइल, गारमेंट्स, लेदर उत्पादों को एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी रही. दरअसल, अमेरिकी ट्रंप सरकार ने बांग्लादेश पर 35% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. ये टैरिफ 1 अगस्त से लागू हो जाएंगे. बता दें, ग्लोबल मार्केट में भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर का सबसे बड़ा कॉम्पिटीशन बांग्लादेश और वियतनाम से ही होता है.

बांग्लादेश पर तगड़ा 35 फीसदी टैरिफ

अब जब ट्रंप ने बांग्लादेश पर तगड़ा 35 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, इससे अब अमेरिका में बांग्लादेश के टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे, जिससे भारतीय कंपनियों को अमेरिका में अपना कारोबार फैलाने में मदद मिलेगी. 

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड जल्द पर सहमति का ऐलान जल्द होने वाला है, भारत की कोशिश है कि अमेरिकी टैरिफ कम किया जाए. खासकर जिस तरह से बांग्लादेश पर 35 फीसदी टैरिफ लगाया है, वियतनाम के साथ 20% टैरिफ डील की है, उसे देखते हुए भारत के लिए 10-20% टैरिफ की संभावना है. इससे टेक्सटाइल निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. 

Advertisement

मंगलवार को कारोबार के दौरान टेक्सटाइल शेयरों में 7% तक की तेजी देखी गई. गोकलदास एक्सपोर्ट्स, ट्राइडेंट, अरविंद टेक्साटाइल, वर्धमान टेक्सटाइल्स और आलोक इंडस्ट्रीज जैसे शेयरों में उछाल आया. इस तेजी की दो वजहें हैं: बांग्लादेश पर टैरिफ और भारत-अमेरिका डील की उम्मीद.

इस डील से सभी टेक्साइट कंपनियों को लाभ होने वाला है, खासकर जो कंपनियां अमेरिका एक्सपोर्ट करती हैं. आइए ऐसे 5 कंपनियों के बारे में जानते हैं,  जिनका 70% तक राजस्व अमेरिकी बाजार से प्राप्त होता है. यह समझौता भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर खोल सकता है और घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकता है. 

1. अरविंद लिमिटेड: टेक्सटाइल और गारमेंट्स में विशेषज्ञता रखने वाली अरविंद लिमिटेड का 50% से अधिक राजस्व अमेरिका से आता है. यह समझौता नए ऑर्डर और बेहतर लाभ मार्जिन सुनिश्चित कर सकता है.
2. गोकलदास एक्सपोर्ट्स: FY2025 के आंकड़ों के अनुसार, 70% राजस्व अमेरिका से, यह डील निर्यात को और बढ़ाएगी.
3. ट्राइडेंट: FY2024 में 38% राजस्व अमेरिका से आने का अनुमान है, टैरिफ कमी से मार्जिन सुधरेगा. 
4. वर्धमान टेक्सटाइल्स: FY2024 में 42% राजस्व निर्यात से, अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी बढ़ सकती है.
5. पर्ल ग्लोबल: 46-50% राजस्व अमेरिका से, डील से बड़ा लाभ होने की उम्मीद है. 

विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील टेक्सटाइल सेक्टर के लिए गेम-चेंजर होगी, लेकिन वैश्विक व्यापार जोखिमों पर नजर रखनी होगी. इसके अलावा डील से आईटी सेक्टर्स को भी फायदा हो सकता है, क्योंकि..

Advertisement

विप्रो: आईटी सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी विप्रो (Wipro) का 60% से अधिक राजस्व अमेरिका से आता है. यह समझौता आईटी सेवाओं की मांग बढ़ाने और परिचालन लागत कम करने में मदद कर सकता है.

टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज): भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS के लिए अमेरिका एक प्रमुख बाजार है. यह डील नए अनुबंधों और मौजूदा परियोजनाओं की लागत में कमी ला सकती है.

(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement