कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने टाटा संस के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से अपील की है. दरअसल, मंत्रालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के लिए ‘गैरकानूनी’ के प्रयोग को हटाने का आग्रह किया है. कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने सोमवार को एनसीएलएटी में अपील दायर कर इस आदेश में संशोधन की अपील की. एनसीएलएटी ने इस मामले को नए साल में 2 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
क्या कहा गया है याचिका में?
याचिका में कहा गया है कि 18 दिसंबर को आए आदेश में जरूरी संशोधन किया जाए, ताकि आरओसी मुंबई का कार्य गैरकानूनी नहीं दिखे. आरओसी ने यह कदम कंपनी कानून के प्रावधानों के साथ नियमों के तहत उठाया था. इसके अलावा आरओसी ने एनसीएलएटी से इस आरोप को भी हटाने को कहा है जिसमें कहा गया था कि आरओसी मुंबई ने टाटा संस की जल्दबाजी में मदद की.
आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लिमिटेड की ओर से जब इसकी सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने 9 जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया. बता दें कि एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को जारी आदेश में टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के फैसले को ‘गैरकानूनी’ करार दिया था. इसके साथ ही टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था.
क्या था मिस्त्री से जुड़ा विवाद?
दरअसल, एनसीएलएटी ने टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध ठहराया है. इसके साथ ही साइरस मिस्त्री को इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया है. बता दें कि मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. वह टाटा संस के छठे चेयरमैन थे. रतन टाटा की रिटायरमेंट की घोषणा के बाद वह साल 2012 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे.