सहारा समूह ने अपने प्रमुख सुब्रत रॉय और दो निदेशकों की जमानत के लिए तत्काल 10,000 करोड़ रुपये जमा करने पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष गुरुवार को असमर्थता जताई.
हालांकि सहारा ने सुप्रीम कोर्ट से 2500 करोड़ रुपये के भुगतान पर रॉय को रिहा करने की अपील की और भरोसा दिलाया कि वह उनकी रिहाई के बाद तीन सप्ताह में बकाया 2500 करोड़ रुपये की नकद राशि का भुगतान कर देगा. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय से कहा था कि न्यायिक हिरासत से अंतिरम जमानत पर रिहा होने के लिए वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराएं.
न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की पीठ ने कहा था कि 10 हजार करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये अदालत के पास जमा किए जाएं और शेष 5,000 करोड़ रुपये राष्ट्रीयकृत बैंक की बैंक गारंटी सेबी के पास जमा की जाए. कोर्ट के पास जमा की जाने वाली 5,000 करोड़ रुपये की राशि सहारा द्वारा अंतरिम जमानत की शर्तों को पूरा किए जाने के बाद सेबी को जारी कर दी जाएगी. अदालत ने कहा था कि सहारा द्वारा जमा किए गए प्रस्ताव उसने पढ़ लिया है और यह 31 अगस्त 2012 तथा उसके बाद दिए गए आदेशों के अनुरूप नहीं है.
अदालत ने कहा था कि वह सहारा समूह के प्रमुख और उनके दो निदेशकों को जमानत देना चाहती है, बशर्ते वे सेबी के पास 10 हजार करोड़ रुपये जमा कर दें.