scorecardresearch
 

RSS के मंच की PM को चिट्ठी, RBI बोर्ड से हटाए जाएं नचिकेत मोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड सदस्य नचिकेत मोर को हितों में टकराव के आधार पर बोर्ड से हटाने की मांग की है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से सह संयोजक अश्विनी महाजन कहा कि आरबीआई बोर्ड में नचिकेत मोर को बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है.

Advertisement
X
स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम को लिखी चिट्ठी
स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम को लिखी चिट्ठी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड सदस्य नचिकेत मोर को हितों में टकराव के आधार पर बोर्ड से हटाने की मांग की है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि आरबीआई बोर्ड में नचिकेत मोर को बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है.

जागरण मंच के मुताबित नचिकेत मोर का बोर्ड में बना रहना हितों में टकराव का स्पष्ट मामला है क्योंकि वह बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के लिए काम करते हैं और इस संस्था की विदेश से फंडिंग की जाती है. वहीं रिजर्व बैंक देश में विदेशी फंड के नियामक के तौर पर भी काम करता है. लिहाजा, संभब है कि नचिकेत मोर का आरबीआई में काम पूरी तरह निष्पक्ष न हो.

Advertisement

स्वदेशी जागरण मंच ने यह भी आरोप लगाया है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की गतिविधियां संदिग्ध हैं. महाजन के मुताबिक यह संस्था गरीबों के लिए हेल्थ, सेनीटेशन, एग्रीकल्चर और फाइनेंशियल सर्वेसेज के क्षेत्र में काम करती है और पूर्व में फाउंडेशन के कामकाज पर सवाल उठाया जा चुका है. लिहाजा, जागरण मंच ने मांग की है कि जल्द से जल्द नचिकेत को आरबीआई बोर्ड से बाहर करते हुए संस्था को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि देश को हल्के में नहीं लिया जा सकता है.

इसे पढ़ें: मोदी सरकार की ये स्कीम 2019 चुनावों में यूपी के लिए होगी गेम चेंजर?

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में जागरण मंच ने यह भी दावा किया है कि पूर्व में लगे आरोपों और संदिग्ध गतिविधियों के चलते बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन पर गृह मंत्रालय नजर रख रहा है. जागरण मंच ने दावा किया है कि यह फाउंडेशन मल्टीनैशनल कंपनियों के हितों के लिए भारत में कृषि और स्वास्थ क्षेत्र की सरकारी नीतियों को प्रभावित करने का काम करती है.

इसके अलावा जागरण मंच ने यह भी मांग की है कि केन्द्र सरकार अपने अन्य मंत्रालय जैसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, नीति आयोग, इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल और परिवार कल्याण को भी निर्देश जारी करे कि वे ऐसे संगठनों को अपने काम काज में शरीक न होने दे और उनसे पर्याप्त दूरी बनाकर रखें.

Advertisement
Advertisement