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रिलायंस की राह पर दूसरी कंपनियां, Bharti Airtel को भी हिस्सेदारी बेचकर कर्ज निबटाना आया पसंद

रिलायंस इंडस्ट्रीज का तरीका भारती एयरटेल (Bharti Airtel) को भी पसंद आ गया है. एयरटेल ने भी अपनी हिस्सेदारी बेचकर कर्जमुक्त होने का निर्णय लिया है. भारती एयरटेल की प्रमोटर भारती टेलीकॉम शेयर बेचकर एक अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बना रही है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने को कर्जमुक्त करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पांच कंपनियों को हिस्सेदारी बेचने का हाल में समझौता किया है.

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 रिलायंस की राह पर चली एयरटेल
रिलायंस की राह पर चली एयरटेल

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 5 कंपनियों से किया है डील
  • जियो प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी बेचने के लिए डील
  • इस तरह से रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त होना चाहती है
  • अब भारती एयरटेल भी इसी राह पर चल पड़ी है

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने को कर्जमुक्त करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पांच कंपनियों को हिस्सेदारी बेचने का हाल में समझौता किया है. अब भारती एयरटेल (Bharti Airtel) को भी यह तरीका पसंद आ गया है. एयरटेल ने भी अपनी हिस्सेदारी बेचकर कर्जमुक्त होने का निर्णय लिया है.

दूसरी तरफ, ब्रिटिश मीडिया में यह रिपोर्ट भी आई है कि टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंडरोवर ने कोरोना के बीच अपने को संकट से बचाने के लिए ब्रिटेन सरकार से 1 अरब डॉलर का राहत पैकेज मांगा है और इसके बदले कंपनी सरकार को अपनी कुछ हिस्सेदारी भी देने को तैयार है. हालांकि, खुद टाटा मोटर्स की तरफ से अभी इसके बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

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भारती एयरटेल की ये है योजना

भारती एयरटेल की प्रमोटर भारती टेलीकॉम शेयर बेचकर एक अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बना रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भारती टेलीकॉम 558 रुपये प्रति शेयर की दर से 2.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.

खबर के मुताबिक, भारती टेलीकॉम ने 558 रुपये प्रति शेयर की दर से 15 करोड़ शेयर बेचकर एक अरब डॉलर जुटाने के लिए जेपी मॉर्गन से संपर्क किया है. यह दर कंपनी के शेयर के 22 मई के रेट 593.2 रुपये प्रति शेयर की तुलना में छह फीसदी है. इससे कंपनी को कर्ज के बोझ से शुद्ध रूप से मुक्त होने में मदद मिलेगी.

भारती एयरटेल में भारती टेलीकॉम की करीब 41 फीसदी हिस्सेदारी है. भारती टेलीकॉम में सुनील भारती मित्तल व उनके परिजनों की करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है. 15 करोड़ शेयरों के सौदे के लिए ब्लॉक डील करीब एक अरब डॉलर का होगा. यह 31 मार्च 2020 के हिसाब से भारती एयरटेल की 2.75 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है.

रिलायंस को मिले 5 निवेशक

लॉकडाउन के बीच भी रिलायंस इंडस्ट्रीज की किस्मत में लगातार चांदी ही दिख रही है. रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में लगातार विदेशी कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं. एक महीने के भीतर ही रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक इंक, जनरल अटलांटिक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी पार्टनर्स के द्वारा निवेश का ऐलान किया जा चुका है. इन सभी ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में हिस्सेदारी लेकर बड़ा निवेश किया है. इस तरह एक महीने के भीतर रिलायंस ने करीब 78,562 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. इससे कंपनी कर्जमुक्त होने के लक्ष्य की ओर आसानी से बढ़ रही है.

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टाटा मोटर्स के बारे में ये खबर

ब्रिटेन में टाटा समूह के पास वाहन कंपनी जगुआर ऐंड लैंड रोवर्स तथा स्टील कंपनी टाटा स्टील यूके का स्वामित्व है. लेकिन कोरोना की वजह से दोनों कंपनियां काफी मुश्किल में चल रही हैं.

हाल की तिमाही में ब्रिटिश मुख्यालय वाली जगुआर ऐंड लैंड रोवर्स का स्वामित्व टाटा मोटर्स के पास है. हाल की तिमाही में कंपनी की बिक्री में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है. कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि टाटा समूह ने इनको बचाने के लिए ब्रिटेन सरकार से करीब 1.5 अरब पाउंड का राहत पैकेज मांगा है. जगुआर ऐंड लैंड रोवर (JLR) सरकार से 1 अरब पाउंड की फंडिंग चाहती है, इसके अलावा टाटा स्टील यूके लिए भी 50 करोड़ पाउंड की फंडिंग कंपनी ने मांगी है. खबरों के अनुसार इस लोन के बदले JLR सरकार को अपनी इक्विटी यानी हिस्सेदारी दे सकती है. हालांकि कंपनी ने अभी इस पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है.

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