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आज से बदल गए बैंकिंग से लेकर GST तक के ये नियम, आप भी जान लें

1 अक्टूबर से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही शुरू होने के साथ ही कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. ये बदलाव आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हैं, जिसमें बाजार में मिलनेवाले सामान के दाम से लेकर बैंक खातों से लेकर सस्ते फोन कॉल तक शामिल हैं.

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प्रतीकात्मक
प्रतीकात्मक

1 अक्टूबर से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही शुरू होने के साथ ही कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. ये बदलाव आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हैं, जिसमें बाजार में मिलनेवाले सामान के दाम से लेकर बैंक खातों से लेकर सस्ते फोन कॉल तक शामिल हैं.

SBI में मिनिमम बैलेंस सीमा हुई कम

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस सीमा घटा दी है. अब मेट्रो शहरों में पांच हजार रुपये की बजाय तीन हजार रुपये का मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होगा. वहीं बैंक ने पेंशनरों व नाबालिगों को न्यूनतम बैलेंस से छूट भी दी है.

खाता बंद कराने पर कोई फीस नहीं

SBI ने 1 अक्टूबर से ही खाता बंद कराने की फी में भी बदलाव किया है. अगर आप अकाउंट खुलवाने के 14 दिनों से लेकर एक साल के बीच बंद करवाते हैं, तो इसमें कोई फीस नहीं वसूला जाएगा. वहीं इस अवधि के बाद खाता बंद करवाने पर पांच सौ रुपये और GST वसूला जाएगा.

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SBI में मर्ज बैंकों के चेकबुक बदलवा लें

एसबीआई में मर्ज हो चुके बैंकों की चेकबुक जिनके पास है, वे इसे तुरंत बदलवा लें. 1 अक्टूबर से इन बैंकों की पुरानी चेकबुक और IFSC कोड 30 सितंबर के बाद अमान्य हो जाएंगे. ऐसे में ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम या बैंक शाखा में जाकर नई चेकबुक के लिए आवेदन करना होगा.

कॉल रेट हो जाएंगी सस्ती

TRAI ने 1 अक्टूबर से कॉल इंटरकनेक्शन चार्ज भी 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया है. यह चार्ज कॉल कनेक्ट करने के लिए एक टेलीकॉम ऑपरेटर्स की ओर से दूसरे ऑपरेटर को दिया जाता है. ऐसे में उम्मीद है कि टेलीकॉम कंपनियां अब कॉल रेट सस्ती कर सकती हैं.

टोल प्लाजा पर नहीं करना पड़ेगा इंतजार

1 अक्टूबर से नेशनल हाइवे पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) सिस्टम लागू हो गई है. इसके लिए जरूरी फास्टैग अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. NHAI ने इसके लिए माई फास्टैग और फास्टैग पार्टनर नाम से दो मोबाइल ऐप भी लॉन्च किए हैं. ऐसे में अब आपको टोल देने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा.

नई MRP पर मिलेगा सामान

एक जुलाई से GST लागू होने के बाद कंपनियों को पुराने सामान को क्लियर करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया था, जिसकी सीमा अब 30 सितंबर को खत्म हो रही है. यानी एक अक्टूबर से आपको दुकानों में नई एमआरपी का ही पैक्ड सामान मिलेगा.

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ये नए दाम जीएसटी लागू होने के बाद कीमतों में आए बदलाव के आधार पर होंगे. अगर कोई दुकानदार 30 सितंबर के बाद भी पुराने एमआरपी पर सामान बेचता पाया जाता है तो उसकी ऐसी सामग्री जब्त की जा सकती है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने व्यापारियों की सुविधा देने के लिए इसकी मियाद 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है, लेकिन अभी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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