scorecardresearch
 

उद्योग जगत की तस्वीर चमकीली: समीक्षा

औद्योगिक क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन की सराहना करते हुए आर्थिक समीक्षा में गुरुवार को सरकार से कहा गया कि वह संतुलन और सतत वृद्धि सुनिश्चित करे क्योंकि चुनिन्दा क्षेत्र 2009-10 के दौरान पुनर्जीवित नहीं हो सके.

Advertisement
X

औद्योगिक क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन की सराहना करते हुए आर्थिक समीक्षा में गुरुवार को सरकार से कहा गया कि वह संतुलन और सतत वृद्धि सुनिश्चित करे क्योंकि चुनिन्दा क्षेत्र 2009-10 के दौरान पुनर्जीवित नहीं हो सके.

बजट पूर्व की आर्थिक समीक्षा में कहा गया, ‘विनिर्माण क्षेत्र में हाल के महीनों में जो तेजी देखने को मिली, वह पहले कभी नहीं देखी गयी. निगमित आय और मुनाफा मार्जिन में भी काफी तेजी नजर आयी है.’ इसमें हालांकि संकेत किया गया कि खाद्य उत्पाद, कपास, वस्त्र और धातु जैसे कुछ क्षेत्र चालू वित्त वर्ष के दौरान पुनर्जीवित नहीं हो सके.

बिजली और सड़क जैसे कुछ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में क्षमता वर्धन नहीं हो सका. उद्योग के सकारात्मक पहलू की चर्चा करते हुए समीक्षा में कहा गया कि इस बात की पूरी उम्मीद है कि केवल मांग बाध्यकारक पहलू नहीं होगा और सरकार के भारी भरकम उधारी कार्यक्रम के बावजूद निवेश योग्य संसाधन बढ़ने से उद्योग जगत कोई बड़ी समस्या नहीं होगी.

सरकार की उधारी 2009-10 के दौरान चार लाख करोड़ रुपये से अधिक रही और जब पहली बार इसकी घोषणा की गयी थी तो उद्योग जगत आशंकित नजर आया था. समीक्षा में कहा गया कि बैंकों की कर्ज दरें अपेक्षित स्तर पर नीचे नहीं आयीं, जिससे निगमित कंपनियों को वैकल्पिक संसाधन तलाशने पड़े और गैर बैंकिंग वित्तपोषण चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों के दौरान 50 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ गया.

Advertisement
Advertisement