देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में किसान राजधानी दिल्ली में किसान मुक्ति संसद के लिए एकत्र हुए हैं. किसान मुक्ति संसद में 180 से अधिक किसान संस्थाएं और 20 से अधिक राज्यों से आए किसानों ने केन्द्र सरकार के सामने अपनी समस्याओं को रखने के साथ-साथ उनके बीच बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर काबू पाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की गुहार लगाई है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले सोमवार को हजारों की संख्या में एकत्र हुए ये किसान दिल्ली के रामलीला मैदान से पदयात्रा करते हुए पार्लियामेंट स्ट्रीट पहुंच चुके हैं. इस समिति ने मुख्य रूप से किसानों की स्थिति से जुड़ी दो मांगों को सामने रखा है.
किसान संगठनों की मांग है कि केन्द्र सरकार खेती करने में किसानों को उनकी कुल लागत का 50 फीसदी मुनाफा सुनिश्चित करे. इसके अलावा किसान संगठनों की मांग है कि केन्द्र सरकार जल्द से जल्द स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करे जिससे देश में किसानों की समस्याओं को आसानी से सुलझाया जा सके.
#KisanMuktiSansad Farmers March to Parliament to protest against #KisankiLoot. pic.twitter.com/5lgh1Zs9HB
— CPI (M) (@cpimspeak) November 20, 2017
इस संसद में स्वराज अभियान से जुड़े योगेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार को वादे के मुताबिक जल्द से जल्द किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फैसला लेने की जरूरत है. यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार को पूरे देश में किसानों का सभी कर्ज माफ करना का फैसला लेना होगा. यादव के मुताबिक फिलहाल सरकार ने सिर्फ उन राज्यों में किसानों का कर्ज माफ किया है जहां चुनाव हो रहे हैं या जल्द होने वाले हैं.
इसे भी पढ़ें: किसान और कृषि के लिए फॉर्मूला: आमदनी होगी दोगुनी?
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान ऐलान किया था कि केन्द्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद वह देश में किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.