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BPCL Privatisation: केवल 6 महीने का इंतजार, बिकने वाली है ये सरकारी मुनाफे वाली कंपनी!

BPCL Privatisation : सरकार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) के निजीकरण को लेकर क्या फैसला करने वाली है, ये अगले छह महीने में साफ हो जाएगा.

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BPCL के निजीकरण का रास्ता अगले 6 महीने में होगा साफ
BPCL के निजीकरण का रास्ता अगले 6 महीने में होगा साफ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑयल सेक्टर में बहुत कम निवेश
  • छह महीने में रास्ता होगा साफ

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) के निजीकरण (Privatization) का रास्ता अगले छह महीने में साफ हो जाएगा. इस बात की जानकारी सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने दी है. BPCL के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाने वाली तीन में से दो कंपनियों ने अपने हाथ वापस खींच लिए थे. इसके बाद सरकार ने BPCL के निजीकरण (Privatization) की प्रक्रिया को रद्द कर दिया था.

6 महीने में होगा साफ

तुहिन पांडे ने कहा कि जहां तक BPCL के निजीकरण की बात है तो हमें कुछ समय इंतजार करना होगा. अभी स्थिति की समीक्षा करनी होगी. मैं कहूंगा कि अगले 6 महीनों में चीजें हमारे लिए साफ हो जाएंगी कि हमें BPCL के मामले में कैसे आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बाजार की मौजूदा स्थिति अनुकूल नहीं थी, जिस वजह से अंतिम फैसला नहीं लिया गया. 

इसके चलते शुरुआत में बोली लगाने वाली कंपनियों ने अपनी बोली वापस ले ली. पूरा सेक्टर इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा था और इसके चारों ओर अनिश्चितता भी थी. उन्होंने कहा कि अब लोग ये भी महसूस कर रहे हैं कि समय के साथ ऑयल सेक्टर में बहुत कम निवेश हुआ है. मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा.

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सरकार की योजना हुई थी फेल

सरकार ने रणनीतिक विनिवेश के जरिए BPCL में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी. सरकार ने मार्च 2020 में BPCL को बेचने से के लिए बोली आमंत्रित की थी. नवंबर 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आ चुकी थीं. लेकिन सरकार इसे बेचने में सफल नहीं हो सकी.

विनिवेश का लक्ष्य

सरकार ने वित्त वर्ष 23 के लिए 65,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है, जो लक्ष्य से काफी कम है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि 65,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य भी महत्वाकांक्षी है. DIPAM सचिव के अनुसार, अब तक सरकार को 24,046.40 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जिसमें LIC IPO का 20,560 करोड़ रुपये भी शामिल है.

कंपनी का मुनाफा घटा

मार्च 2022 की तिमाही में BPCL का शुद्ध मुनाफा 2,130.5 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी तिमाही के मुकाबले करीब 82 फीसदी कम था. पिछले वित्त वर्ष की इस तिमाही में कंपनी को 11,904.13 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. नवंबर 2020 तक सरकार को इसके प्राइवेटाइजेशन के लिए तीन बोलियां मिली थीं. वेदांता ग्रुप, अपोलो ग्लोबल और स्क्वेयर्ड कैपिटल की इकाई थिंग गैस ने इसमें रुचि दिखाई थी.
 


 

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