आजतक के 'निर्माण भारत समिट' में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के पूर्व अध्यक्ष, राघव चंद्र, और गृह, पर्यटन व सूचना विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव, अवनीश कुमार अवस्थी, ने देश में हो रहे हाईवे और एक्सप्रेसवे के विकास पर चर्चा की.
राघव चंद्र ने कहा कि जिस गति से देश में हाइवे का निर्माण हो रहा है, वह कई विकसित देशों से भी ज़्यादा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में 50,000 किलोमीटर नए हाईवे बनाए गए हैं, और अगले 10 सालों में 25,000 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे बनाने का लक्ष्य है. उन्होंने दिल्ली-अमृतसर और मेरठ एक्सप्रेसवे को गुणवत्तापूर्ण काम का उदाहरण बताया. वहीं, मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल हो रहा है और गलतियों को भी तुरंत सुधारा जा रहा है.
अवनीश कुमार अवस्थी ने परिवहन को देश के विकास के लिए बेहद ज़रूरी बताया. उन्होंने कहा कि भारत के कुल एक्सप्रेसवे का 52% हिस्सा उत्तर प्रदेश में है. उन्होंने कोविड महामारी के दौरान एक्सप्रेसवे की अहमियत पर जोर दिया, जब ट्रेन और फ्लाइट बंद होने पर इन मार्गों ने लोगों को राहत दी. अगर एक्सप्रेसवे नहीं होते, तो कुंभ मेले में इतने श्रद्धालु भी नहीं पहुंच पाते.
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गंगा एक्सप्रेसवे पर बात करते हुए अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को तय समय से पहले पूरा करने का दबाव है. 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का 94% काम पूरा हो चुका है. इससे दिल्ली से मेरठ की दूरी सिर्फ 60 मिनट और दिल्ली से प्रयागराज की दूरी सिर्फ 5 घंटे में तय की जा सकेगी. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे के किनारे बन रही इंडस्ट्री और टाउनशिप से लोगों को रोज़गार मिलेगा.
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर उन्होंने बताया कि हर किसान से बात करके उन्हें 15 दिनों के भीतर उनका पूरा पैसा दिया गया, और इस संबंध में किसी भी किसान की तरफ से कोई शिकायत नहीं आई.
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सड़क पर जानवरों की वजह से होने वाले हादसे पर राघव ने कहा कि हाइवे पर हादसे हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है. इसके लिए लगातार काम किए जा रहे हैं और कोशिश है कि ऐसे हादसों पर लगाम लगे.