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रियल एस्टेट पर GST का क्या असर, बिल्डर पर कैसे करें भरोसा, मनोज गौर ने बताया

गौर ग्रुप के CMD मनोज गौर ने 'निर्माण भारत समिट' में रियल एस्टेट सेक्टर में GST और RERA के असर पर अपनी राय दी. उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले समय में सेक्टर में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. दिल्ली-एनसीआर का भविष्य और घर खरीदने वालों की बदलती प्राथमिकताओं पर भी उन्होंने चर्चा की.

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जीएसटी का घर पर क्या असर (Photo-IGT)
जीएसटी का घर पर क्या असर (Photo-IGT)

आजतक के 'निर्माण भारत समिट' में गौर ग्रुप के सीएमडी मनोज गौर ने रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी ( GST) और रेरा ( RERA) के सकारात्मक असर, दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते भविष्य और ग्राहकों की बदलती पसंद जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि जीएसटी से रियल एस्टेट सेक्टर पर बड़ा सकारात्मक असर पड़ेगा.

जीएसटी के कारण डेवलपर्स को हर साल निर्माण लागत नहीं बढ़ानी पड़ेगी. घर बनाने में करीब 250 से ज्यादा चीजों का इस्तेमाल होता है, और इन सभी पर जीएसटी दरों में होने वाले बदलाव से घर की कुल लागत पर सीधा असर पड़ेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी इन बदलावों का विश्लेषण करना बाकी है, जिससे यह पता चल सके कि इसका अंतिम रूप से घर की कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. कुल मिलाकर, जीएसटी के कारण लागत में स्थिरता आने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदारों को भी फायदा मिल सकता है.

बिल्डर पर कैसे करें भरोसा? 

मनोज गौर ने कहा कि रेरा (RERA) के आने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों का भरोसा काफी बढ़ा है. अब डेवलपर समय पर अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा कर रहे हैं, जिससे प्रोजेक्ट की क्वालिटी और डिलीवरी दोनों में सुधार हुआ है. वहीं, ग्राहक भी अब अधिक जानकार और जागरूक हो गए हैं, और सोच-समझकर ही घर खरीद रहे हैं. यह स्थिति पूरे सेक्टर के लिए सकारात्मक है. रेरा के रिफॉर्म और जीएसटी की वजह से काफी बदलाव आया हैं, अब लोग पहले की तरह लापरवाही नहीं कर सकते हैं, पहले चीजें कंट्रोल में नहीं थी इसलिए कोई भी बिल्डर बनकर लोगों को घर बेचने लग जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने सलाह दी कि घर खरीदते समय बिल्डर की पूरी जानकारी लें और लोकेशन पर व्यक्तिगत रूप से जाएं.

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दिल्ली-एनसीआर का बदलता परिदृश्य

मनोज गौर ने दिल्ली-एनसीआर के भविष्य पर बात करते हुए कहा कि आने वाले 10-12 सालों में यह क्षेत्र पूरी तरह बदल जाएगा. यमुना एक्सप्रेसवे पर हो रहे विकास को उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने के बाद यह इलाका देश का सबसे विकसित क्षेत्र बनने जा रहा है. गुड़गांव की तुलना में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इन शहरों में योजनाबद्ध विकास हुआ है, जहां लोगों की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है.

ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताएं

लोगों की बदलती प्राथमिकताओं पर बात करते हुए मनोज गौर ने कहा- कोविड-19 के बाद से घर खरीदने वालों की पसंद में बड़ा बदलाव आया है. अब लोग छोटे 2BHK घरों के बजाय बड़े और खुले घर पसंद कर रहे हैं, जहां पर्याप्त हरियाली और खुली जगह हो. इसके अलावा, घर खरीदने की उम्र भी कम हुई है. पहले लोग 40-45 साल की उम्र में घर खरीदते थे, लेकिन अब 30 साल के युवा भी अपना घर लेने लगे हैं.

भविष्य में तकनीक का इस्तेमाल

मनोज गौर ने बताया आने वाले 5 से 10 सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल देखने को मिलेगा. भविष्य में घर बनाने की प्रक्रिया और भी तेज होगी, जिससे पर्यावरण का ध्यान रखते हुए कम समय में ग्राहकों को उनके घर का कब्जा दिया जा सकेगा. 

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