MHADA (महाराष्ट्र गृहनिर्माण और क्षेत्र विकास प्राधिकरण)) ने अगले पांच सालों में 7 लाख नए घर बनाने का प्लान बनाया है. इस पहल का सीधा मकसद है कि इस पूरे इलाके में घरों की जो पुरानी कमी चली आ रही है, उसे दूर किया जाए. साथ ही, लोगों को किफायती दाम पर रहने की जगह मिले और शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर हो सके.
म्हाडा के वाइस प्रेसिडेंट और सीईओ संजीव जायसवाल ने बताया कि अगले पांच सालों में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 7 लाख से भी ज़्यादा घर बनाए जाएंगे. इनमें से करीब 5.5 लाख घर सिर्फ़ मुंबई शहर में ही तैयार होंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये घर अलग-अलग योजनाओं के तहत बनाए जाएंगे,
किफायती आवास यूनिट: लॉटरी के माध्यम से बेचे जाने वाले सस्ते घर
क्लस्टर पुनर्विकास प्रोजेक्ट: सायन की जीटीबी कॉलोनी, अंधेरी का एसवीपी नगर, गोरेगांव का मोतीलाल नगर और मुंबई सेंट्रल के पास कामाठीपुरा जैसी जगहों पर पुनर्विकास का काम चल रहा है. इन परियोजनाओं के तहत अगले 5 से 7 सालों में शहर में 2 लाख से अधिक घर बनाए जाएंगे.
अन्य योजनाए: समावेशी आवास परियोजनाएं, पुनर्विकास परियोजनाएं और प्रधानमंत्री अनुदान परियोजना (PMGP) कॉलोनी का नवीनीकरण.
मुंबई लंबे समय से किफायती आवास की कमी से जूझ रहा है. बढ़ती आबादी, तेज़ी से हो रहे शहरीकरण और लगातार आसमान छूती रियल एस्टेट की कीमतों के कारण, यह शहर घरों की मांग और सप्लाई के बीच बढ़ते अंतर का सामना कर रहा है.
बताया जा रहा है कि "म्हाडा मुंबई में कई क्लस्टर पुनर्विकास परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिनमें सायन की जीटीबी कॉलोनी, अंधेरी का एसवीपी नगर, गोरेगांव का मोतीलाल नगर और मुंबई सेंट्रल के पास कामाठीपुरा शामिल हैं. म्हाडा की क्लस्टर पुनर्विकास परियोजनाओं के तहत अगले 5 से 7 सालों में शहर में 2 लाख से अधिक घर बनाए जाएंगे.
शनिवार को, ठाणे के काशीनाथ घाणेकर ऑडिटोरियम में 5,354 घरों और 77 प्लॉटों की लॉटरी निकाली गई. ये घर कोंकण इलाके में थे. अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन सालों में, म्हाडा की कोंकण हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट बोर्ड ने तीन लॉटरी ड्रा के ज़रिए 13,500 से ज़्यादा घर बेच दिए हैं. पिछले तीन सालों में म्हाडा ने पूरे राज्य में 18 लॉटरी ड्रा निकाले हैं, जिनके ज़रिए लगभग 43,000 घर बेचे जा चुके हैं.
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