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दिल्ली-NCR में प्रॉपर्टी के रेट ने तोड़े रिकॉर्ड, क्यों मेट्रो शहरों से ज्यादा बढ़ रहे हैं दाम

देश के तमाम मेट्रो सिटीज को पीछे छोड़ते हुए दिल्ली और एनसीआर में प्रॉपर्टी के दाम लगातार तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के टॉप 7 शहरों में सबसे ज्यादा महंगे घर यहीं बिक रहे हैं.

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मिडिल क्लास के लिए घर का सपना हुआ दूर (Photo-ITG)
मिडिल क्लास के लिए घर का सपना हुआ दूर (Photo-ITG)

दिल्ली-एनसीआर में मिडिल क्लास लोगों के लिए घर खरीदना सपना बनता जा रहा है. पहले से ही प्रॉपर्टी के रेट आसमान छू रहे हैं और अब नई रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई से लेकर सितंबर के बीच करीब 24 फीसदी तक दाम बढ़े हैं. जो देश के दूसरे मेट्रो सिटीज की तुलना में काफी ज्यादा हैं. आखिर क्यों दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी के रेट इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं.

प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह लग्जरी और प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग भी है. बायर्स अब सिर्फ निवेश के लिए नहीं, बल्कि बेहतर लाइफस्टाइल और आधुनिक सुविधाओं की तलाश कर रहे हैं. इस सेगमेंट में मजबूत मांग ने किफायती घरों की मांग पर असर डाला है.

दिल्ली-एनसीआर का तेजी से विकास

वहीं दिल्ली-एनसीआर में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का तेजी से विकास हो रहा है, जिसने कई इलाकों को रियल एस्टेट हॉटस्पॉट में बदल दिया है. उदाहरण के लिए, द्वारका एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने आस-पास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया है, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल आया है. गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे प्रमुख बाजारों में बेहतर सड़कों, मेट्रो नेटवर्क और अन्य नागरिक सुविधाओं के विस्तार ने मांग को बढ़ाया है, वहीं नोएडा एयरपोर्ट बनने की वजह से उससे सटे इलाकों की प्रॉपर्टी के दाम तेजी से बढ़े हैं.  पिछले 5 सालों में यहां प्रॉपर्टी के रेट कई गुना बढ़ गए हैं और एयरपोर्ट शुरू होने के बाद यहां दाम और बढ़ेंगे. 

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दिल्ली में बढ़ने वाले हैं सर्कल रेट

दिल्ली सरकार सर्कल रेट में संशोधन की योजना बना रही है. सरकार का उद्देश्य बाजार दरों के अनुरूप सर्कल रेट को लाना है, क्योंकि आखिरी बड़ा बदलाव 2014 में हुआ था. सर्कल रेट में संभावित बढ़ोतरी से भी बाजार में प्रॉपर्टी की कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव बना है.

वहीं कोरोना काल के बाद लोगों में रियल एस्टेट में निवेश का रुझान बढ़ा है. कई क्षेत्रों में किराये की आय की तुलना में प्रॉपर्टी खरीद पर अधिक रिटर्न मिल रहा है. यह कारक भी मांग और कीमतों को बढ़ा रहा है. 

देश के दूसरे शहरों का क्या हाल

 Anarock के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्ति का औसत मूल्य एक साल पहले के ₹7,200 प्रति वर्ग फुट से बढ़कर जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान ₹8,900 प्रति वर्ग फुट हो गया. वहीं बेंगलुरु में, कीमतें 10% बढ़कर ₹8,100 प्रति वर्ग फुट से ₹8,870 प्रति वर्ग फुट हो गईं. कुल मिलाकर, सात प्रमुख शहरों में, आवास की कीमतों में 9% की वृद्धि हुई और यह ₹8,390 प्रति वर्ग फुट से बढ़कर ₹9,105 प्रति वर्ग फुट हो गया. 

मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) सबसे महंगा आवासीय बाज़ार बना रहा. एमएमआर में आवास की कीमतें 6% बढ़कर ₹16,300 प्रति वर्ग फुट से ₹17,230 प्रति वर्ग फुट हो गईं. पुणे में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में 4% की वृद्धि हुई और यह ₹7,600 प्रति वर्ग फुट से ₹7,935 प्रति वर्ग फुट हो गईं.

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