ज़ोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक, श्रीधर वेम्बू, इन दिनों अपनी सादगी के कारण चर्चा में रहते हैं. उन्होंने हाई-टेक दुनिया की चकाचौंध को छोड़कर, तमिलनाडु के तेनकासी जिले के एक छोटे से गांव में साधारण जीवन अपनाया है. उनका घर, हरे-भरे खेत और मिट्टी की दीवारों वाला पारंपरिक ऑफिस उनकी सादगी और ज़मीन से जुड़ी जीवनशैली को अच्छे से दिखाता है.
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श्रीधर वेम्बू अपने तेनकासी फार्महाउस में पूरी तरह से आराम और शांति के बीच रहते हैं. एक अरबपति होने के बावजूद, उनका ज़्यादातर समय खेती करने और स्थानीय गांव की गतिविधियों में हिस्सा लेने में बीतता है.
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हाई-टेक जीवन और लग्ज़री कारों को छोड़कर, श्रीधर वेम्बू गांव की शांत सड़कों पर साधारण साइकिल चलाना पसंद करते हैं. यह उनका रोज़मर्रा का अनुभव है. यही कारण है कि साइकिल की सवारी ही उनकी सादगी और ज़मीन से जुड़े होने की सबसे बड़ी पहचान बन गई है.
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उनका ऑफिस भी उनकी सादगी का जीता-जागता उदाहरण है. यह दफ़्तर मिट्टी की दीवारों और पुआल/चूना पत्थर की छत के साथ पारंपरिक तरीके से बना है. इतना ही नहीं, वे यहीं से ज़ोहो के वैज्ञानिक कार्यों का मार्गदर्शन करते हैं और अपनी ये सादगी भरी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हैं.
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वे तेनकासी स्थित अपने घर और ऑफिस को केवल जगह नहीं मानते, बल्कि अपनी 'कर्मभूमि' मानते हैं. यहां बिताया गया हर पल उनके शांत, संतुष्ट और उद्देश्य भरे जीवन का प्रतीक है, जो दिखाता है कि सफलता के लिए भागदौड़ ज़रूरी नहीं.
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