दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को आधिकारिक आवास आवंटित कर दिया है, जिससे एक बार फिर भारत के सबसे महंगे और प्रतिष्ठित रियल एस्टेट ज़ोन लुटियंस दिल्ली से जुड़े सरकारी बंगलों का रुतबा सुर्खियों में आ गया है. उन्हें 95, लोधी एस्टेट का टाइप-VII बंगला मिला है. यह इलाका सिर्फ राजधानी का एक पता नहीं है. यह सत्ता, ताकत और अमीरी का वह केंद्र है, जहां की चौड़ी सड़कें, हरे-भरे विशाल लॉन और ऐतिहासिक बंगले आपको किसी राजनेता या शीर्ष नौकरशाह का पद बताने से पहले ही उनका रसूख महसूस करा देते हैं.
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लुटियंस से सटा लोधी एस्टेट का यह पता अब केजरीवाल का नया ठिकाना होगा, जो सरकारी प्रोटोकॉल और रियल एस्टेट मूल्य दोनों ही दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण है. अब हम आपको बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल का यह नया ठिकाना लोधी एस्टेट में कैसा होगा, और सरकारी मानकों के अनुसार इस बंगले में क्या कुछ खास है.
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लुटियंस दिल्ली में टाइप-7 और टाइप-8 बंगलों की सबसे अधिक मांग है, जहां कुल 520 घर हैं, इनमें से 319 टाइप-7 के बंगले और 201 टाइप-8 के बंगले हैं, इन बंगलों का आवंटन अलग-अलग कोटों के तहत किया जाता है, जैसे मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए, हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के लिए और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए.
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टाइप-7 बंगले 4 बेडरूम वाले होते हैं और करीब 1 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए हैं. बंगले में एक बड़ा ड्रॉइंग रूम, डाइनिंग एरिया, एक प्राइवेट ऑफिस स्पेस, और अलग से सर्वेंट क्वार्टर और गैराज भी होता है. कैंपस में एक बड़ा लॉन भी होता है.
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इन बंगलों का किराया कितना है इसकी कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं है, लेकिन 2021 में एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने ही बताया था कि टाइप-7 और टाइप-8 के लग्जरी बंगलों का किराया 2500 से 4600 रुपये प्रति माह के करीब था. फिलहाल किराया क्या है इसकी कोई जानकारी नहीं है.
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