जीएसटी में बड़े सुधार के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने जीएसटी रेट कट को लेकर कई सवालों का जवाब दिया और कहा कि इसका लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचेगा. अगर कोई कंपनी या संस्था इसका लाभ लोगों तक नहीं पहुंचाता है तो उसपर काईवाई की जा सकती है.
क्यों पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं रखा जाता है? इस सवाल के जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इस योजना पर पूरी तरह तैयार है. सरकार आज भी इसे जीएसटी के दायरे में रख सकती है, लेकिन यह GST के प्रस्ताव में नहीं था. उन्होंने कहा कि जीएसटी लाने के समय भी हमने पेट्रोल-डीजल को इस कैटेगरी में रखने की कोशिश की थी, लेकिन राज्य तैयार नहीं हुए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब कभी भी राज्य रेट को लेकर तैयार होंगे, तब पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकेगा. हालांकि अभी इसे जीएसटी में रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
शेयर बाजार में तेजी क्यों नहीं?
जीएसटी सुधार के ऐलान पर भी शेयर बाजार में तेजी क्यों नहीं आ रही है? इस सवाल पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्केट कभी एक फैक्टर्स पर काम नहीं करता है. इसके नहीं चलने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं.
99 फीसदी चीजें हुईं सस्ती
वित्त मंत्री आजतक से सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत में GST 2.0 पर सवालों का जवाब दे रही थीं. उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी में नए सुधार से 99 फीसदी वस्तुओं को सस्ता किया गया है. फूड आइटम्स को ज्यादा से ज्यादा सस्ता करने का प्रयास किया गया है.
जनता के लिए टैक्स कटौती, कंपनियों के लिए नहीं
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हर साल जीएसटी में टैक्स सुधार का प्रयास किया है और यह गुंजाइश देखी है कि कहां पर जीएसटी टैक्स रेट में कटौती हो सकती है. इस बार के सुधार में भी हमने यही किया है. यह जनता का के लिए टैक्स कटौती है, ना कि आम कंपनियों के लिए.
विपक्ष ले रहा क्रेडिट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष की ओर से GST को गब्बर सिंह टैक्स कहने को लेकर कहा कि आज 91 फीसदी टैक्स लगाने वाले GST का श्रेय ले रहे हैं. विपक्षी दलों की ओर से GST को सपोर्ट मिल रहा है... वही काफी है. कांग्रेस पार्टी इंदिरा गांधी के समय इनकम टैक्स पर 91 फीसदी टैक्स लेती और आज जीएसटी को बेहतर बनाने का क्रेडिट ले रही है.