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चीन ने बिगाड़ा US का 'मक्का' खेल, अब भारत को लपेट रहे हैं ट्रंप... जानिए इनसाइड स्टोरी

भारत और अमेरिका के बीच एक बार फिर व्‍यापार वार्ता शुरू हुई है. इस बार उम्‍मीद की जा रही है कि कुछ मुद्दों पर सहमति बन सकती है. इस बीच, मक्‍के को लेकर दोनों देशों में माहौल गर्म है.

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भारत और अमेरिका के बीच मक्‍के को लेकर बिगड़ा माहौल. (Photo: File/ITG)
भारत और अमेरिका के बीच मक्‍के को लेकर बिगड़ा माहौल. (Photo: File/ITG)

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड टाक फिर शुरू हो चुकी है. अमेरिकी टीम व्‍यापार समझौते को लेकर भारत आई है, जिसमें टैरिफ कम करने और व्‍यापार संबंधों को सही करने पर चर्चा होनी है. दोनों देशों की एक मत पर पहुंचने की कोशिश होगी. इस बीच, मक्‍का का मुद्दा गर्माया हुआ है... India-US ट्रेड टाक के बीच मक्‍का एक बड़ी रुकावट के तौर पर दिख रहा है. 

अमेरिकी वाणिज्‍य सचिव हॉवर्ड लुटनिक का कहना है कि भारत के पास 1.4 अरब लोग हैं, फिर भी अमेरिका से एक बुशल मक्‍का (अमेरिका में उत्‍पादित होने वाला मक्‍का) क्‍यों नहीं खरीदते? 

भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने केवल 1100 टन अमेरिकी मक्के का आयात किया, जो उसके कुल आयात 0.97 मिलियन टन की तुलना में ना के बराबर है. भारत ने मक्‍का ज्‍यादातर म्यांमार और यूक्रेन से मंगाया है और यहीं से आपूर्ति करता है. वहीं अब अमेरिका भारत को मक्‍का बेचने के लिए बेचैन नजर आ रहा है. किसी भी कीमत पर अमेरिका चाहता है कि भारत को मक्‍का बेचे... वहीं भारत अपनी शर्तों के साथ समझौता नहीं करना चाहता है. 

आखिर क्‍यों ट्रंप मक्‍का बेचने के लिए हो रहे इतना बेचैन? 
दरअसल, अमेरिकी मक्‍का पहले बड़ी मात्रा में चीन खरीदता था, लेकिन अब इसने खरीदारी घटा दी है. चीन ने अमेरिकी मक्‍का 2022 में 5.2 अरब डॉलर से घटाकर 2024 में केवल 33.1 करोड़ डॉलर किया है. वहीं अमेरिका का मक्के का निर्यात 2022 में 18.57 अरब डॉलर से घटकर 2024 में 13.7 अरब डॉलर ही हुआ है. ऐसे में अमेरिका को एक बड़े मार्केट की तलाश है. जिस कारण वह चाहता है कि भारत अमेरिकी मक्‍का खरीदे, इसलिए वह भारत पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है. 

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क्‍यों अमेरिकी मक्‍का नहीं खरीदना चाहता भारत? 
इसके दो वजह सामने आए हैं, जिसमें पहली वजह- टैरिफ, भारत हर साल 5 लाख टन मक्‍के के आयात को 15 फीसदी टैरिफ के साथ करता है. इससे अधिक आयात पर 50 फीसदी का भारी शुल्‍क लगता है. 
दूसरी वजह- भारत आनुवंशिक तौर से संशोधित (GM) मक्‍के के आयात पर प्रतिबंध लगाता है, जो अमेरिका के लिए एक बड़ी रुकावट है. अमेरिका में 94% मक्के का उत्पादन जीएम-बेस्‍ड है. 

अमेरिकी मक्‍का भारत में आए तो क्‍या होगा? 
भारत में मक्‍के की घरेलू कीमतें (₹22-23/KG) और सरकार का MRP 24 रुपये प्रति किलो है. जबकि अमेरिकी में मक्‍का का दाम 15 रुपये प्रति किलो से भी कम है. इतनी सस्‍ती कीमत पर अगर भारत में मक्‍का आता है, तो घरेलू मक्‍का का मार्केट बिगड़ सकता है और भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. फिलहाल भारत का रुख स्‍पष्‍ट है कि वह अमेरिकी मक्‍के का आयात नहीं करेगा.

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